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… फिर बढ़ा रतलाम का गौरव : साहित्यकार प्रो. अजहर हाशमी की पुस्तक “संस्मरण का संदूक समीक्षा के सिक्के” हुई चयनित राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए

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⚫ पुस्तक में देश के कई प्रसिद्ध साहित्यकारों, लेखकों, गीतकारों, योग विशेषज्ञ आदि से संबंधित संस्मरण व समीक्षाएं

⚫ साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन की श्रेष्ठ कृतियों में चयनित पुस्तक

⚫ प्रोफेसर हाशमी ने राष्ट्रीय सम्मान किया रतलाम को समर्पित

हरमुद्दा
रतलाम, 2 दिसंबर। साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रेष्ठ कृतियों (पुस्तकों) पर वर्ष 2021 के अखिल भारतीय (राष्ट्रीय) व प्रादेशिक पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। अखिल भारतीय स्तर के 13 व प्रादेशिक स्तर के 18 पुरस्कार दिए जाएगे। इनमें रतलाम के शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर, प्रसिद्ध साहत्यिकार, चितंक व कवि प्रो. अजहर हाशमी द्वारा लिखित पुस्तक ‘संस्मरण का संदूक समीक्षा के सिक्के‘ को संस्मरण विधा के लिए अखिल भारतीय निर्मल वर्मा पुरस्कार के लिए चुना गया है।

प्रोफ़ेसर हाशमी के हाथों में चयनित पुस्तक

साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कार के लिए अखिल भारतीय स्तर के चयनित रचनाकारों को एक लाख रुपए व प्रादेशिक स्तर के लिए रचनाकारों को 51 हजार रुपए, शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न व प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया जाएगा। प्रो, हाशमी द्वारा ‘संस्मरण का संदूक समीक्षा के सिक्के‘ शीर्षक से लिखित उक्त पुस्तक का प्रकाशन संदर्भ प्रकाशन भोपाल ने किया है। पुस्तक में देश के कई प्रसिद्ध साहित्यकारों, लेखकों, गीतकारों, योग विशेषज्ञ आदि से संबंधित संस्मरण व समीक्षाएं है। प्रो. हाशमी ने 296 पृष्ठ की इस पुस्तक में अनेक साहित्यकारों, लेखकों आदि से हुई उनकी मुलाकातों व यादों का साहित्यिक भाषा में बेहतर तरीके से विवरण किया है।

दी गई है इनके बारे में जानकारियां

पुस्तक में साहित्यकार सत्यनारायण सत्तन से लेकर डॉ. मोहन गुप्त, कहानीकार हरिमोहन बुधोलिया से लेकर पद्मश्री मेहरुन्निशा परवेज, चिंतक डॉ. प्रेम भारती से लेकर बाल साहित्य के विशेषज्ञ डॉ. विकास दवे, कवि प्रदीप पंडित से लेकर लेखिका प्रवीणा दवेसर व शब्द शिल्पी जगदीश चतुर्वेदी से लेकर व्यंगकार शरद जोशी आदि के बारे में कई जानकारियां दी है।

यह पुरस्कार उनका नहीं, रतलाम का है : प्रोफ़ेसर हाशमी

संस्मरण व समीक्षा विधा पर प्रो हाशमी की यह दूसरी पुस्तक है। प्रो. हाशमी ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित होने पर कहा कि यह पुरस्कार उनका नहीं, रतलाम का पुरस्कार है। सम्मान के लिए मन से दी गई इलायची ही पर्याप्त होती है। वे यह पुरस्कार रतलाम को समर्पित करते है।

कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है प्रोफेसर हाशमी को

प्रो. हाशमी एक अच्छे वक्ता होने के साथ श्रेष्ठ कवि, चितंक, लेखक, गीतकार व व्यंगकार भी है। उनकी साहित्य पर गहरी पकड़ है। वे हर विषय पर बेबाकी से अपनी बात रखते है। उनका लेखन हर क्षेत्र में सराहा जाता है। उन्होंने अनेक गीत, गजल, कविताएं, व्यंग्य आदि लिखे है। उन्होंने राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रचेतना जागृत करने वाले प्रेरणाप्रद साहित्य का सृजन कर देशभर में ख्याति अर्जित की है। इसके लिए उन्हें इसी वर्ष अप्रैल में मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा प्रदेश के इंजीनियर प्रमोद शिरढोणकर विरहमन स्मृति राष्ट्र प्रेरणा सम्मान से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके है।

सभी ने किया हर्ष व्यक्त

प्रो. हाशमी की पुस्तक साहित्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुस्कार के लिए चयनित किए जाने पर समाजसेवी सुरेखा नगर, लेखिका डॉ. प्रवीणा दवेसर, डॉ. अनिला कंवर, श्वेता नागर, अंजना श्रीवास्तव, नंदिनी सक्सेना, एडवोकेट मनमोहन दवेसर, माधव सक्सेना, ओमप्रकाश नागर, महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार के संयोजक सतीश त्रिपाठी, पत्रकार तुषार कोठारी, आरिफ कुरैशी, नीरज शुक्ला, हेमंत भट्ट, कमलसिंह, कमलेश पांडे आदि ने हर्ष व्यक्त कर बधाई दी।

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