… और हो गई मौत : क्रिकेट खेलने के दौरान रन लेने के लिए लगाई दौड़ और जिंदगी से हो गया रन आउट
⚫ परिजनों का कहना अच्छी थी सेहत
⚫ परिजनों ने किया पोस्टमार्टम से इनकार
⚫ शाम को कर दिया अंतिम संस्कार
हरमुद्दा
बिल्हौर, 8 दिसंबर। नौजवान किशोर दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। रन लेने दौड़ा, तभी दौड़ते दौड़ते उसे चक्कर आए और गिर गया। सूचना देने पर परिजन तत्काल उसे अस्पताल ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने परीक्षण के पश्चात मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों का कहना था कि हार्ट अटैक से मौत हुई है। किशोर रन लेने के दौरान जिंदगी से रन आउट हो गया। परिजनों ने पीएम के लिए इंकार कर दिया और शाम को अंतिम संस्कार भी हो गया।
आश्चर्यचकित करने वाली यह घटना त्रिवेणीगंज बाजार निवासी अनुज कुमार पिता अमित कुमार पांडेय के साथ हुई। पिता अमित बीज एजेंसी में नौकरी करते हैं। परिवार में पत्नी सुनीता, बड़ा बेटा सुमित व छोटा बेटा 16 वर्षीय अनुज है। अनुज घर के पास श्रीमती सूरजमुखी स्कूल में हाईस्कूल में पढ़ता था।
दोस्तों ने भी घर पर सूचना
अमित ने बताया कि बुधवार सुबह अनुज अपने दोस्तों के साथ बिल्हौर इंटर कालेज मैदान में क्रिकेट खेलने की बात कहकर घर से गया था। दोस्तों ने बताया कि खेलते समय रन लेने के दौरान अचानक चक्कर आने से अनुज जमीन पर गिरकर अचेत हो गया। इस पर साथ खेल रहे बच्चों ने घर पर सूचना दी। परिजन अनुज को पहले निजी निजी अस्पताल और उसके बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए। परीक्षण के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पीएम से किया इनकार और कर दिया अंतिम संस्कार
सीएचसी के डॉक्टर गणेश प्रसाद ने बताया कि मौत की वजह हृदयाघात हो सकती है। कस्बा प्रभारी कमल सिंह ने बताया कि किशोर की मौत की सूचना मिली थी। सीएचसी से शव स्वजन घर ले गए इसके बाद नानामऊ घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार किया था।
बच्चों की अनियंत्रित धड़कन न करें नजरअंदाज
कानपुर स्थित लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के इमरजेंसी प्रभारी प्रो. उमेश्वर पांडेय ने बताया कि कुछ बच्चों में जन्मजात बीमारी की वजह से दिल की धड़कन अनियंत्रित होने लगती है। अगर कोई बच्चा बचपन में अचानक बेहोश या बेसुध हो जाए। बार-बार धड़कन बढ़ने या घबराहट की शिकायत करे। उसे तत्काल हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे बच्चों को अधिक शारीरिक श्रम करने से हृदयाघात हो सकता है। खासकर क्रिकेट, फुटबाल, हाकी और एथलेटिक्स आदि में दिक्कत हो सकती है। माता-पिता अपने बच्चों के प्रति दायित्व को समझें। उन्हें शारीरिक गतिविधियों व व्यायाम के लिए प्रेरित करें।