मामला मरीज और डॉक्टर की तनातनी का : मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर के साथ मारपीट, गुस्साए डॉक्टरों और कर्मियों ने की ओपीडी बंद, आश्वासन पर आश्वासन के बाद काम पर लौटे

⚫  डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने की नारेबाजी

⚫ भारी पुलिस बल हुआ है तैनात

⚫ डॉक्टरों के न मिलने पर मरीजों को करना पड़ा परेशानी का सामना

हरमुड्डा
रतलाम,9 दिसम्बर। जिला चिकित्सालय में मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर के साथ मारपीट के विरोध में गुस्साए डॉक्टरों और कर्मियों ने ओपीडी बंद कर दी। शुक्रवार सुबह डाक्टरों और मेडिकल स्टॉफ द्वरा काम बंद कर धरना दिया गया। गुस्साए चिकित्सकों और कर्मचारियों ने काम बंद कर धरना-प्रदर्शन किया। ओपीडी में डॉक्टरों के न मिलने पर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर और नर्स के साथ की गई मारपीट और अभद्रता से गुस्साए सारे डॉक्टर और नर्स अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए और जबरदस्त नारेबाजी की। इसके पहले वे लोग पुलिस थाने पहुंचे और 3 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद डॉक्टर और स्टॉफ द्वारा जिला अस्पताल पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। आरोपियों की डॉक्टर प्रोटक्शन एक्ट के तहत गिरफ्तारी की मांग को लेकर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने प्रदर्शन किया।

एसडीएम और सीएसपी के आश्वासन पर चिकित्सा कर्मी काम पर लौटे 

मामले ने कुछ ही देर में तुल पकड़ लिया। शुक्रवार सुबह 8 बजे से मरीजों द्वारा डॉक्टर से मारपीट मामले में डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ द्वारा नारेबाजी कर ओपीडी बंद कर दी गई। मामले को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। तीन आरोपियों के खिलाफ डॉक्टर विपिन कुमार दुबे द्वारा एफ आई आर दर्ज करवाई। एसडीएम और सीएसपी द्वारा डॉक्टर को आश्वस्त किया गया के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनकी समझाइश इसके बाद डॉक्टरों द्वारा ओपीडी शुरू की गई।

डॉक्टर ने करवाई एफ आई आर दर्ज

डॉक्टर ने आरिफ, संजाब, मोहम्मद फिरोज निवासी डालू मोदी बाजार रतलाम तीनों के खिलाफ डॉ  ने एफ आई आर दर्ज करवाई। फरियादी डॉ. दुबे ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8:20 मरीज मोहम्मद हुसैन पिता छोटे खां निवासी डालू मोदी बाजार रतलाम को लेकर इलाज हेतु जिला अस्पताल आए थे। डॉ. प्रणव मोदी ने मरीज को चेक किया तथा इलाज की पर्ची बनाई। मरीज परिजनों को बीपी तथा ईसीजी जांच कराने के लिए कहा गया। रंजना सोलंकी ड्यूटी पर थी उनके साथ मरीज के परिजनों ने गंदी गालियां दी और ठीक से जांच करने का कहने लगे। बीच-बचाव करने पर डॉ प्रणव के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की। आरोपियों पर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के साथ अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया।

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