कलेक्टर ने टटोली जिला अस्पताल की नब्ज : अस्पताल जांच में मिली अव्यवस्थाएं, मरीजों ने चर्चा बताया ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने ₹15000, अव्यवस्था और मनमानी पर हुए नाराज
⚫ कार्यों की गुणवत्ता पर संदेह
⚫ वार्ड में ड्यूटी देने वाला स्टाफ की मनमर्जी उजागर
⚫ परिसर में नजर आई गंदगी और मलबा
⚫ खून के धब्बे वाले मिले चादर, लगाई फटकार
⚫ नई पार्किंग बनेगी, रोगी परिजनों के बैठने की व्यवस्था में सुधार होगा
हरमुद्दा
रतलाम 05 जनवरी। शहर से अतिक्रमण मुहिम हटाने के बाद अब कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिला अस्पताल का रुख कर लिया है। वह गुरुवार को जिला अस्पताल की नब्ज टटोलने के लिए पहुंचे, जहां पर उन्होंने व्यवस्था जांची, अव्यवस्था मिलने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। इसके साथ ही मरीजों से उन्होंने चर्चा कर जानकारी ली। मरीज ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए ₹15000 लिए हैं। खून के धब्बे वाली चादर मिलने पर स्टाफ को फटकार लगाई, वहीं कार्य गुणवत्ता पर संदेह होने पर नाराजगी व्यक्त की। सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल चंदेलकर को एक सप्ताह में व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के ओपीडी कक्ष, प्रभा ड्रेसिंग कक्ष का निरीक्षण किया, वहां टूटी-फूटी छत पाई गई जिसमें सुधार के लिए निर्देशित किया। डायबिटीज, हाइपरटेंशन पेशेंट कार्ड को स्मार्ट कार्ड में बदलने के निर्देश दिए। डिजिटल एक्सरे मशीन का निरीक्षण किया। रोगी वार्ड के बाहर परिसर में पानी तथा गंदगी बिखरी मिली, स्वच्छता के निर्देश दिए। फालतू सामग्री बिखरी पाई गई जिसे हटाने के निर्देश दिए गए।
अपने हिसाब से ड्यूटी कर लेता है स्टाफ, कलेक्टर हुए नाराज
वार्ड में तैनात नर्स तथा वार्ड बॉय ड्यूटी रजिस्टर चेक किया गया। इस दौरान पाया गया कि स्टाफ द्वारा अपने ही अनुसार ड्यूटी चेंज कर ली जाती जिस पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। रोस्टर के अनुसार ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चिकित्सालय के आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया, जिन मरीजों को आयुष्मान कार्ड उपचार की आवश्यकता थी उनको आयुष्मान कार्ड से सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए। वार्ड में चलते हुए डस्टबिन देखकर उनकी सफाई के लिए निर्देशित किया।
ऑपरेशन के लिए मरीज से ₹15000 डॉक्टर ने
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने वार्ड के अंदर पहुंचकर भर्ती मरीजों से चर्चा की, ग्राम जडवासा के भर्ती मरीज के परिजन ने बताया कि चिकित्सक द्वारा ऑपरेशन के लिए 15 हजार रुपए लिए गए हैं। कलेक्टर ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए एसडीएम को जांच एवं कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।
अनुपयोगी दीवार को तोड़ने के निर्देश
मुलथान के रहने वाले रोगी बबलू ने चर्चा में बताया कि उनको अस्पताल में अच्छा भोजन मिल रहा है। समय पर दूध दलिया, चाय-नाश्ता मिल रहा है। वार्ड के पीछे पडे हुए मलबे को हटाने के निर्देश दिए। अनुपयोगी दीवार को तोड़ने की हेतु निर्देशित किया। बाहर परिसर में अनुपयोगी पड़ी एंबुलेंस के बारे में पूछताछ की, चालक नहीं होने की जानकारी मिलने पर रेडक्रॉस से चालक की व्यवस्था कराने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए।
अस्पताल परिसर में गंदगी फेंकने वाले लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए निगमायुक्त को
कलेक्टर ने पीछे के हिस्से में खाली पड़ी भूमि को समतल, सुंदर बनाने के निर्देश दिए। अंतिम हिस्से में पहुंचकर बाउंड्रीवॉल निरीक्षण किया। बाउंड्रीवॉल से लगे मकानों के रहवासियों द्वारा अस्पताल परिसर में सामग्री फेंकने तथा गंदगी पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निगमायुक्त हिमांशु भट्ट को निर्देशित किया कि वासियों को नोटिस दिया जाए तथा जो भी अतिक्रमण यदि है तो उनको हटाया जाए। कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि मरीजों के परिजनों की बैठने की ठीक से व्यवस्था नहीं होने के कारण इधर-उधर बैठ रहे हैं, उनके लिए सीटिंग अरेंजमेंट किया जाए।
जहां मरम्मत की जरूरत हो, वहां पर करें कार्य
श्री सूर्यवंशी ने चिकित्सालय में संपूर्ण विद्युत सुरक्षा के दृष्टिगत विद्युत सुरक्षा विभाग को निर्देशित किया कि पूरे चिकित्सालय का विद्युत सुरक्षा ऑडिट करें। इसी तरह लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अनुराग सिंह को निर्देशित किया कि पूरे अस्पताल के भवनों का निरीक्षण करते हुए जहां सुधार की आवश्यकता है, मरम्मत की आवश्यकता है वह की जाए।
खून के धब्बे मिले चादर पर स्टाफ को लगाई फटकार
अस्पताल के हड्डी वार्ड में चादर पर रक्त के धब्बे लगे हुए मिले, जिस पर कलेक्टर सख्त नाराज हुए। स्टाफ को फटकार लगाई आइंदा से ऐसी लापरवाही नहीं हो, ताकीद की गई। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री सुरेश वर्मा को भी अस्पताल परिसर में विद्युत व्यवस्था में जो भी कमी है उसको दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
कार्यों की गुणवत्ता पर संदेह
परिसर में निर्माण कार्यों के निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर संदेह करते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को निरीक्षण एवं रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। चिकित्सालय परिसर से बाहर निकलते समय पार्किंग की समस्या देखकर निर्देशित किया कि चिकित्सालय परिसर में नवीन पार्किंग बनाई जाए।