संवादहीनता और रचनाशीलता के प्रति कम होती प्रवृत्ति का नया आयाम ‘सुनें-सुनाएं’
⚫ ‘सुनें-सुनाएं’ का चौथा सोपान आज रतलाम प्रेस क्लब भवन में सुबह 11 बजे
हरमुद्दा
रतलाम, 8 जनवरी। हमारे दौर की संवादहीनता और रचनाशीलता के प्रति कम होती प्रवृत्ति को नया आयाम देने के उद्देश्य से शहर में रचनात्मक आयोजन “सुनें-सुनाएं “ की शुरुआत की गई है। एक रचनात्मक वातावरण एवं लोगों के बीच स्वस्थ संवाद की परंपरा को कायम करने के उद्देश्य से प्रारंभ इस रचनात्मक आयोजन का चौथा सोपान 8 जनवरी रविवार को प्रातः 11 बजे रतलाम प्रेस क्लब (प्रथम तल), पावर हाऊस रोड़, रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने, रतलाम पर होगा।
इस आयोजन में कोई भी व्यक्ति अपनी रचना नहीं पढ़ेगा। अपने प्रिय रचनाकार की कोई रचना ही पढ़ेगा। कार्यक्रम निर्धारित समय पर शुरू हो कर तय समय पर समाप्त होगा।
रतलाम प्रेस क्लब भवन पर यह करेंगे काव्य पाठ
चौथे सोपान में रचना पाठ अंतर्गत जुझार सिंह भाटी द्वारा श्री सुरेश प्रवासी की कविता का पाठ किया जाएगा। उमेश कुमार शर्मा द्वारा डाॅ. अयोध्या सिंह उपाध्याय “हरिऔध” की कविता “फूल और काँटा” का पाठ होगा। श्याम सुन्दर भाटी व्यंग्य कवि श्री सुरेन्द्र शर्मा की कविता का पाठ करेंगे। महावीर वर्मा जनकवि पाश की कविता का पाठ करेंगे। नरेन्द्र सिंह पंवार द्वारा डॉ जयकुमार ‘जलज’ की कविता ‘ किसे पता है किस बादल में ‘ का पाठ किया जाएगा। समय शेष रहने पर रविन्द्रनाथ टैगोर की कहानी ‘तोता’ का पाठ किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा ( प्रातः 11 से 12 बजे ) तय की हुई है। इसमें पैंतालीस मिनट (11-11.45 ) में रचनाओं का पाठ होगा,और पंद्रह मिनट उन पर सार्थक विमर्श। आयोजन में कोई भी अपनी रचना नहीं पढ़ते हुए अपने प्रिय रचनाकार की रचना वह भी बगैर किसी भूमिका के पढ़ता है।
‘सुनें -सुनाएं’ ने शहर के सभी सुधिजनों से आग्रह किया है कि आयोजन में अपनी उपस्थिति के माध्यम से शहर में पढ़ने, मिलने , बैठने, सुनने, सुनाने की परंपरा को सार्थक बनाएं।