सामाजिक सरोकार : जैन धर्म का मूल सिद्धांत है तप, तपस्या करने वालों का बहुमान तथा उनकी अनुमोदना जरूरी

⚫ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा

⚫ इंदौर निवासी पारिवारिक संगठन ने किया भव्य दर्शन यात्रा एवं तपस्वी सम्मान समारोह

हरमुद्दा
जावरा, 8 जनवरी। जावरा के इंदौर निवासी पारिवारिक संगठन ने भव्य दर्शन यात्रा एवं तपस्वी सम्मान समारोह साईं रिसोर्ट खाचरोद रोड जावरा पर आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत थे। अध्यक्षता उद्योगपति व विधायक चैतन्य काश्यप ने की। विशेष अतिथि पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत, फिल्म गीतकार चिंतन बाकीवाला तथा जावरा नगर पालिका उपाध्यक्ष सुशील कोचट्टा थे। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। समाज की महिलाओं ने स्तवन प्रस्तुत किया।

वर्षीतप करने वाले 135 तपस्वी का हुआ बहुमान

कार्यक्रम के दौरान 135 से अधिक वर्षीतप तपस्या करने वाले तपस्वी  नागरिकों का संगठन ने बहुमान किया। इस दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, विधायक चैतन्य का, पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत का भी सम्मान किया गया।

यह थे मौजूद

आयोजन में मौजूद गणमान्य जन

समारोह के मुख्य लाभार्थी अभय कुमार लालवानी, मेघराज लालवानी, प्रभा लालवानी, अजीत लालवानी, अंजना लालवानी, सुशील डागरिया, पुखराज लुणावत, कमलाबाई वन्यायक्या, पदम कुमार बाकलीवाल, प्रेम भाई मेहता, सुशील गादिया,, कमलाबाई संघवी थे। कार्यक्रम में उद्योगपति सुशील अजमेरा,  अशोक जैन सैलाना वाले, डॉ. ईश्वर बोराणा, अनिल कटारिया सहित अनेकों नागरिक मौजूद थे।

अहिंसा और दया सिखाता है जैन धर्म

तप करना जैन धर्म का मूल सिद्धांत है। तपस्या करने वालो का बहुमान तथा उनकी अनुमोदना करना चाहिए।  जैन धर्म हमें अहिंसा तथा जीव दया करना सिखाता है।

⚫  थावरचंद गहलोत, राज्यपाल, कर्नाटक

जान और दर्शन की तपोभूमि है जावरा

जावरा ज्ञान व दर्शन की तपोभूमि है। यहां से अनेक लोगों को प्रेरणा मिलती है। तपस्वियो का बहुमान करना गौरव का क्षण है।

चेतन काश्यप, विधायक, रतलाम

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