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साहित्य सरोकार : सपने ज़िंदा रहें, नई ज़मीन, नया आकाश सभी को मिले

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⚫ ‘सुनें-सुनाएं’ आयोजन में हुई रचनात्मक पहल

⚫ साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कार के लिए चयनित साहित्यकार डॉ. चांदनीवाला एवं श्री दशोत्तर का किया प्रेस क्लब ने सम्मान

हरमुद्दा
रतलाम, 8 जनवरी। सबसे ख़तरनाक होता है सपनों का मर जाना। हमारे सपने ज़िंदा रहें। रचनात्मकता को नई ज़मीन मिले। नए आसमान में नए पंखों के साथ शहर का साहित्यिक वातावरण विचरण करे। इसी भावना के साथ ‘सुनें-सुनाएं’ का चौथा रचनात्मक आयोजन रतलाम प्रेस क्लब के सहयोग से प्रेस क्लब भवन में आयोजित किया गया।

आयोजन में उपस्थित सुधिजनों ने अपनी पसंद के रचनाकारों की रचनाओं का पाठ कर शहर की समृद्ध साहित्यिक एवं रचनात्मक परंपरा को आगे बढ़ाने की आशा व्यक्त की।

जुझार सिंह भाटी रचना पाठ करते हुए

⚫ रचना पाठ आयोजन के दौरान जुझार सिंह भाटी ने स्व. सुरेश प्रवासी के गीत की प्रस्तुति कर समाज में वृद्धजनों की स्थिति को बयां किया।

उमेश शर्मा रचना पाठ करते हुए

⚫ उमेश कुमार शर्मा ने अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की रचना का पाठ किया।

श्याम सुंदर भाटी रचना पाठ करते हुए

⚫ श्याम सुंदर भाटी ने हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की कविता को हुबहू अंदाज़ में पेश किया।

नरेंद्र सिंह पवार रचना पाठ करते हुए

⚫ नरेंद्र सिंह पंवार ने डॉ. जयकुमार जलज की कविता ‘किसे पता है किस बादल में कितनी क्षमता’ का सस्वर पाठ किया।

महावीर वर्मा रचना पाठ करते हुए

⚫ महावीर वर्मा ने अवतार सिंह पाश की कविता ‘सबसे ख़तरनाक होता है सपनों का मर जाना’ का पाठ कर रचनात्मक वातावरण की आवश्यकता की भावना का संचार किया।

कैलाश व्यास गोपालदास नीरज के संस्मरण सुनाते हुए

⚫ कैलाश व्यास ने गोपालदास नीरज की रचनाओं के पाठ के साथ उनसे जुड़े संस्मरण भी प्रस्तुत किए ।

विष्णु बैरागी निबंध का पाठ करते हुए

⚫ विष्णु बैरागी ने नरेंद्र दुबे की व्यंग्य रचना ‘फूफा जी पर निबंध’ का पाठ किया।

विनोद झालानी रचना पाठ करते हुए

⚫ विनोद झालानी ने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता प्रस्तुत की ।

आशीष दशोत्तर कहानी सुनाते हुए

⚫ आशीष दशोत्तर ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी ‘तोता’ का पाठ किया।

रचनात्मक वातावरण को आगे बढ़ाना ही आयोजन का उद्देश्य

आयोजन में उपस्थित सुधी श्रोताजन

आयोजन में अपनी पसंद के रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करने का उद्देश्य यही रहा कि इस आयोजन के माध्यम से शहर के सुधि श्रोता एक साथ बैठें और शहर के रचनात्मक वातावरण को आगे बढ़ाएं। रचना विमर्श में डा. मुरलीधर चांदनीवाला, ओम प्रकाश मिश्रा, दुष्यंत व्यास, पद्माकर पागे, सविता तिवारी, विनोद संघवी, राजेंद्र चतुर्वेदी, प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी, नीरज शुक्ला, हेमंत भट्ट , हरीश दर्शन शर्मा, सिकंदर, हेमंत बाफना, सतीश गोथरवाल, नरेंद्र सिंह डोडिया, महेंद्र सिंह डोडिया, नरेंद्र सिंह राठौर, प्रकाश मिश्रा, आरपीएस राठौर, प्रतिभा चांदनीवाला, सुशीला कोठारी ने शिरकत करते हुए कहा कि सुनें-सुनाएं के हर आयोजन में नए लोग उपस्थित होकर अपने प्रिय कवि की रचनाएं पढ़ रहे हैं। यह सुखद है। शहर की रचनात्मकता को इससे नया जीवन मिलेगा और पठन-पाठन में जुटे लोग अपनी अभिव्यक्ति इस आयोजन के माध्यम से कर सकेंगे। आयोजन में सुधिजन उपस्थित थे।

रतलाम प्रेस क्लब द्वारा किया गया डॉ. चांदनीवाला एवं दशोत्तर का सम्मान

सम्मान करने के दौरान साहित्यकारों के साथ प्रेस क्लब पदाधिकारी सदस्य

रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी एवं वरिष्ठ पत्रकार हेमंत भट्ट , नीरज शुक्ला, हरीश दर्शन शर्मा एवं उपस्थित सदस्यों ने साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश द्वारा हाल ही में सम्मानित साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला एवं आशीष दशोत्तर का प्रेस क्लब की ओर से सम्मान किया। उन्होंने कहा कि रतलाम के लिए यह गर्व का विषय है कि यहां के साहित्यकारों को प्रदेश और देश स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है । इस दौरान उपस्थित सुधिजनों ने दोनों साहित्यकारों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।

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