वृद्ध आश्रम में आनंद का उल्लास : जिंदगी के हो गए 90 बसंत पार, खेल खेला ऐसा पहली बार, प्रमाण पत्र को पलंग के पास मिलेगी दीवार
⚫ अपनों ने छोड़ा मगर जिंदगी से है प्यार, जिंदादिली है बेशुमार
⚫ किसी ने सुनाया भजन तो किसी ने बजाए मंजीरे
हरमुद्दा
रतलाम, 18 जनवरी। वृद्ध आश्रम में आनंद का उल्लास देखकर हर किसी की आंखें भर आई। माना कि जिंदगी के 90 बसंत पार कर लिए हैं उन्होंने, मगर खेल उन्होंने पहली बार ऐसा खेला। जब मिले प्रमाणपत्र तो कहने लगे इन्हें लगाएंगे दीवार पर। वृद्ध आश्रम में हुए चेयर रेस एवं घोड़ा बादाम खाई, पीछे देखे मार खाई।
आनंद विभाग की जिला समन्वयक सीमा अग्निहोत्री ने हरमुद्दा को बताया कि मध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में 14 से 28 जनवरी तक आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी श्रंखला में 18 जनवरी को वृद्ध आश्रम में चेयर रेस का आयोजन किया गया। महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पहली बार यह खेल खेला और आनंद आ गया। आनंद उत्सव के तहत नगर निगम द्वारा परंपरागत खेल गतिविधियां जारी हैं। चेयर रेस जीतने के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त कर खुश होते हुए नाथू लाल ने कहा कि अब इस प्रमाण पत्र को हम पलंग के पास दीवार पर चिपकाएंगे, ताकि कोई भी आए तो उसे पता चले कि हम भी खेल प्रतियोगिता में जीते हैं।
स्कूल में खेले थे उस के बाद आज
पुरुषों ने कहा कि यह सिर्फ स्कूल में खेले थे और अब खेलने की उम्र भी नहीं रही मगर आज आनंद उत्सव कार्यक्रम में खेलकर आनंद आया । वृद्ध आश्रम की महिला के आग्रह पर घोड़ा बादाम खाई पीछे देखे मार खाई खेल का भी आयोजन किया गया।
किसी ने सुनाया भजन तो, किसी ने बजाए मंजीरे
17 जनवरी को वृद्ध आश्रम में भजन संध्या का आयोजन किया गया था। मांगू बाई आज मंजीरे लेकर आई की आनंद उत्सव वाले आए हैं और मैं भजन गाने जाऊंगी। उन्होंने पुराना भजन गाकर सुनाया।
कई वृद्ध थे खेलों से अनभिज्ञ
कई वरिष्ठ नागरिक इस खेल से अनभिज्ञ थे, अतः उनके उत्साहवर्धन के लिए आनन्दक सुषमा अग्निहोत्री तथा आशा रावत ने अन्य महिलाओ की प्रतियोगिता करवाई। इसके बाद पुरुष वर्ग की प्रतियोगिता आनन्दक अमित वर्मा तथा अशोक मेहता ने आयोजित की। वृद्ध आश्रम संचालक कुलदीप सिंह चौहान की उपस्थिति में सम्पन्न हुए। आनंद उत्सव में आनंदित हुए वरिष्ठ नागरिक ने कहा ये उत्सव बहुत बढ़िया लगा।
चेयर रेस प्रतियोगिता के परिणाम
महिला वर्ग
प्रथम : मांगू बाई 90 वर्ष
द्वितीय : सुशीला चारण 60 वर्ष
तृतीय : गायत्री बाई 50 वर्ष
पुरुष वर्ग
प्रथम : डूंगर सिंह 70 वर्ष
द्वितीय : नाथूलाल बसोड़ 78 वर्ष
तृतीय: आनंदी लाल जैन 77 वर्ष