अभिभाषको में आक्रोश : पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, मुर्दाबाद, आंखें हो तो देख लो, हम सब एक हैं, आरोपी को गिरफ्तार करो, गिरफ्तार करो, नारे लगाते हुए किया प्रदर्शन
⚫ अभिभाषक के साथ हुई मारपीट को लेकर थाने पहुंचे जिला अभिभाषक संघ से जुड़े सदस्य
⚫ मारपीट करने वाले व्यक्ति की पहचान के बावजूद गिरफ्तारी नहीं
⚫ दिया ज्ञापन, टीआई के आश्वासन के बाद लौटे वकील
हरमुद्दा
रतलाम,1 मार्च। बुधवार को दोपहर में वकील आक्रोशित हो गए और स्टेशन रोड स्थित दो बत्ती थाना रोड पहुंचे। जमकर नारेबाजी करने लगे “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद मुर्दाबाद”, “आंखें हो तो देख लो हम सब एक हैं”, “आरोपी को गिरफ्तार करो गिरफ्तार करो”,।
टीआई ने आश्वासन दिया कि आरोपी को गिरफ्तार शीघ्र किया जाएगा। इसके पश्चात सभी वकीलों ने प्रदर्शन समाप्त करते हुए न्यायालय गए।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को कुछ अज्ञात बदमाशों ने एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार शर्मा के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की। एडवोकेट की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया था। बाद में मारपीट करने वाले व्यक्ति की पहचान डोसीगाव निवासी शांतिलाल मालवीय के रूप में हुई। लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था।
पुलिस थाने का घेराव कर की नारेबाजी
आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जिला अभिभाषक संघ के सदस्यों ने स्टेशन रोड पुलिस थाने पर पहुंचकर घेराव किया। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अभय शर्मा के नेतृत्व में बडी संख्या में वकील थाने पर पहुंचे और उन्होने जमकर नारेबाजी की।
पकड़ लिया जाएगा आरोपी को, पुलिस कर रही है तलाश
वकीलों के प्रदर्शन को देखते हुए टीआई किशोर पाटनवाला थाने पर पंहुचे। उन्होने वकीलों को आश्वस्त किया कि पुलिस पूरी तत्परता से आरोपी को तलाश कर रही है,और उसे जल्दी ही पकड लिया जाएगा। टीआई श्री पाटनवाला ने बताया कि आरोपी के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर ली गई है। उसकी तलाश में बीती रात को भी छापे मारे गए थे,लेकिन वह फरार हो चुका था। टीआई ने वकीलों को भरोसा दिलाया कि आरोपी शीघ्र ही हवालात में होगा।
इस कारण आरोपियों के हौसले बुलंद
वरिष्ठ अभिभाषक सुनील पारिख एडवोकेट एवं सतीश पुरोहित ने बताया कि पूर्व कमलनाथ सरकार एवं वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने घोषणा पत्रों में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की घोषणा की थी जिसे आज पर्यंत लागू नहीं किया गया है जिसके कारण अपराधियों के हौसले बुलंद है। मुख्यमंत्री को त्वरित रूप से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए बजट सत्र में ही पहल करना चाहिए अन्यथा अभिभाषक वर्ग को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने के लिए पुनः प्रयास करने होंगे।