न्यायालय ने सुनाई सजा : 65 वर्षीय फर्जी महिला जमानतदार को कारावास एवं अर्थदंड

⚫ दो की हो गई प्रकरण के चलते मौत

हरमुद्दा
रतलाम, 16 मार्च। आपराधिक प्रकरण के फरियादी ने आवेदन दिया कि फर्जी रूप से जमानत दी गई है। जमानत निरस्त की जाए। इस पर सुनवाई करते हुए फर्जी जमानतदार को न्यायाधीश ने विभिन्न धाराओं में जहां कारावास की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण के दो अन्य आरोपी की मौत होने पर कार्रवाई समाप्त कर दी गई।

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी गोल्डन राय ने हरमुद्दा को बताया कि मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मयंक मोदी ने निर्णय गुरवार को अभियुक्त राजूबाई उर्फ राजीबाई पिता स्व. बाबुलाल आयुु 65 साल नि सदर बाजार, ग्राम धामनोद, जिला रतलाम को धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदण्ड,  धारा 468 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदण्ड,धारा 471 भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए, धारा 205 भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, से दण्डित किया गया, वहीं प्रकरण मे अन्य दो अभियुक्त क्रमशः बाबुलाल पिता चम्पालाल निवासी ग्राम धामनोद, दीनानाथ उर्फ दिनेशचंद्र पिता जगन्नाथ निवासी हनुमान रूण्डी कम्पोडर जिला चिकित्सालय रतलाम म.प्र. की विचारण के दौरान मृत्यु हो जाने से उनके विरूद्ध उपशमन के आधार पर कार्रवाई समाप्त की गई।

यह था घटनाक्रम

न्यायालय के आपराधिक प्रकरण क्रमांक 69/96 में न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी एन. एस. डाबर के न्यायालय में आरोपीगण मनोहरलाल, कारूलाल, शांतिबाई और राजू की जमानत का आदेश हुआ था, जिसमें उनकी जमानत राजूबाई ने कांताबाई बनकर प्रस्तुत की थी और उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।

आपराधिक प्रकरण के फरियादी ने की आवेदन प्रस्तुत फर्जी जमानत वाला

जिसके पश्चात उक्त आपराधिक प्रकरण के फरियादी दिनेशचन्द्र परमार द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी एन. एस. डाबर के यहां पर एक आवेदन प्रस्तुत किया कि राजूबाई ने कांताबाई बनकर जमानत प्रपत्र पर कांताबाई के रूप में हस्ताक्षर करके फर्जी जमानत प्रस्तुत की है। अतः उनकी जमानत निरस्त कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए, जिसके उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उनके अंतर्गत थाना नामली से उक्त संबंध में जांच कराई, जिसमें यह पाया गया कि राजूबाई द्वारा कांताबाई बनकर फर्जी जमानत प्रपत्र तैयार किए  गए और उनकी जमानत दी गई है, जिसके संबंध में जिसके पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस थाना स्टेशन रोड जिसके क्षेत्रांतर्गत न्यायालय भवन स्थित है, को उक्त प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया

तीन के विरुद्ध हुआ प्रकरण पंजीबद्ध

न्यायालय के आदेश उपरांत थाना स्टेशन रोड द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध कमांक 337/93 अंतर्गत धारा 420, 468, 34 भा.दं.सं. का आरोपी राजूबाई, बाबुलाल और दीनानाथ के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया तथा विवेचना में लेकर दस्तावेज संलग्न किये गये और आरोपी राजूबाई, बाबूलाल और दीनानाथ के हस्ताक्षर नमूने लिये गये। बाबूलाल और दीनानाथ के पूर्व के अविवादित दस्तावेज प्राप्त किए  गए जिन्हें जांच रिपोर्ट के लिये स्टेट एग्जामिनर ऑफ आउट स्टेण्ड डॉक्यूमेंट नवमेंट ऑफ म.प्र., जहांगीराबाद, भोपाल भेजा गया। जांच रिपोर्ट प्राप्त कर प्रकरण में संलग्न की गई। उक्त जांच रिपोर्ट के पूर्व आरोपी दीनानाथ, बाबुलाल और राजीबाई उर्फ राजूबाई से उनके हस्ताक्षर लिए गए कांताबाई के हस्ताक्षर राजूबाई से कराए गए उनका नमूना लिया गया। बाद उक्त हस्ताक्षर जांच के लिये भेजे गए। रिपोर्ट प्राप्त की गई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में आवश्यक अनुसंधान कार्य किये जाने पर अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

साक्ष और तर्क के आधार पर आरोपी हुए दोष सिद्ध

न्यायालय में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष और तर्क के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी गोल्डन राय द्वारा की गई।

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