इंदौर का बावड़ी हादसा : हादसे में गवाई 14 ने जान, परिजनों का अनुकरणीय ध्यान, दिवंगतों के करवाए अंगदान
⚫ हादसे में जान गंवाने वाले 14 में से 11 के अंगदान
⚫ श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में उत्सव के तहत हुआ हादसा
⚫ अंगदान के बाद संवर जाएगी अन्य लोगों की जिंदगी
⚫ चहुं ओर हो रही प्रशंसा
हरमुद्दा
इंदौर, 30 मार्च। गुरुवार को रामनवमी उत्सव मनाए जाने के तहत श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में दर्दनाक हादसा हो गया अब तक जानकारी के अनुसार 14 महिला पुरुष और बच्चों ने जान गवाई है। दुख की इस घड़ी में भी परिजनों ने अनुकरणीय ध्यान रखा। अपने दिवंगतों के अंगदान करने की घोषणा की। ताकि अन्य लोगों की अंगदान के माध्यम से उनकी जिंदगी संवर जाए। अब तक 14 दिवंगत ओं में से 11 दिवंगत ओके परिजनों ने अंगदान करवाने की बात कही है। इसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है।
ज्ञातव्य है कि गुरुवार को इंदौर के स्नेह नगर के पास स्थित पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी उत्सव मनाया जा रहा था आयोजन में क्षेत्र के श्रद्धालुओं की काफी संख्या थी। सभी वहां पर धर्म लाभ लेने आए थे भगवान के प्राकट्य उत्सव में शामिल होने और पूजन अर्चन करने के लिए मौजूद थे।
वहां मौजूद श्रद्धालु अनभिज्ञ थे बावड़ी से
जिस जगह में श्रद्धालुजन मौजूद थे, वह इस बात से अनजान थे कि जहां पर वह खड़े हैं। उसके नीचे तकरीबन 40 फीट गहरी बावड़ी है। अचानक बावड़ी के ऊपर घर की छत गिरी और करीब तीन दर्जन से अधिक श्रद्धालु गिर गए। गिरने वालों में बच्चे, बुजुर्ग और जवान शामिल थे।
दिक्कतों का सामना करना पड़ा बचाव दल को
मिली जानकारी के अनुसार सूचना मिलने के काफी समय बाद राहत बचाव दल फायर ब्रिगेड सहित अन्य लोग घटनास्थल पहुंचे और उन्होंने बचाव कार्य शुरू किया। इसके पहले लोगों ने भी अपने प्रयासों से रसों के माध्यम से निकालने का जतन किया। घटनास्थल सकरा और गली में होने के कारण बचाव और राहत कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा मुख्यमंत्री को सतत बनाए रखें नजर
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानकारी लेकर बेहतर उपचार की सलाह दी। मुख्यमंत्री को निर्देश दिए कि घटना पर नजर बनाए रखें। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने भी दर्दनाक हादसे में दिवंगत हुए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
दुख की घड़ी में भी अंगदान की पहल
दर्दनाक हादसे में अपने परिजन को खोने वाले परिवारों वालों ने दुख की इस घड़ी में भी अपने आप को संभालते हुए दिवंगतों के अंगदान करने की घोषणा करने की पहल की है। 14 दिवंगत में से 11 के अंगदान की अब तक घोषणा हो चुकी है। अधिकांश दिवंगतों आंखों का दान किया गया है तो कुछ नहीं स्किन का।
इनकी हुई आंखें दान
⚫ दक्षा पटेल
⚫ इंद्र कुमार
⚫ भूमिका खानचंदानी
⚫ लक्ष्मी पटेल
⚫ मधु भम्मानी
⚫ जयंतीवाई
⚫ भारती कुकरेजा
⚫ कनक पटेल
इनकी हुई त्वचा दान
⚫ इंद्र कुमार
⚫ भूमिका खानचंदानी
⚫ जयंतीबाई
देश का सबसे बड़ा अंग दान शहर है इंदौर, त्वचा दान में जागरूकता कमजोर
इंदौर देश का सबसे बड़ा अंग दान का शहर बन चुका है। शहर में लगाातर बन रहे ग्रीन कॉरिडोर से कई लोगों को नई जिंदगी मिल रही है। अब परिवार के लोगों में भी इस बात को लेकर जागरूकता हासिल हो चुकी है। खुद वे आगे आकर ऑर्गन डोनेशन में अपनी भागीदारी को जता रहे हैं। अंग दान से लोगों के जीवन में खुशियां मिल ही रही हैं पर त्वचा दान को लेकर लोग अभी भी उतने जागरूक नहीं है। त्वचा दान सें जले हुए या दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए लोगों को नया जीवन मिलता है।