अब पीएम श्री स्कूलों की सौगात : प्रदेश में 730 पी.एम. श्री स्कूलों की होगी स्थापना, 313 विकासखण्डों में बनेंगे 626 स्कूल, हर ब्लाक में एक प्राथमिक माध्यमिक तथा एक बनेगा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
⚫ 52 जिलों के नगरीय निकायों में 104 स्कूल
⚫ सभी 730 पी.एम. श्री स्कूलों पर हरसाल 277 करोड़ 40 लाख रुपए का व्यय भार
हरमुद्दा
भोपाल, 5 अप्रैल। सीएम राइस स्कूल के बाद अब प्रदेश में 730 पी.एम. श्री स्कूलों की सौगात मिलेगी। प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में अधिकतम 02 स्कूल (313 विकासखण्डों में 626) और 52 जिलों के नगरीय निकायों में 104 स्कूल, इस तरह अधिकतम 730 स्कूलों को पी.एम. श्री स्कूल के रूप चिह्नित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक मैं कई निर्णय लिए गए।
एक प्राथमिक माध्यमिक तथा एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनेगा
चिन्हित स्कूलों में से एक प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा पहली से आठवीं) एवं एक विद्यालय उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिये संचालित होगा। पी.एम. श्री स्कूल की लागत 60:40 के अनुपात में केन्द्र और राज्य द्वारा वहन की जाएगी। सभी 730 पी.एम. श्री स्कूलों पर प्रतिवर्ष 277 करोड़ 40 लाख रुपए का व्यय भार आयेगा, जिसमें से राज्यांश 110 करोड़ 96 लाख रुपए प्रतिवर्ष होगा। यह परियोजना 5 वर्ष की है और इस अवधि में 554 करोड़ 80 लाख रूपए का व्यय भार राज्य सरकार पर आएगा। योजना के 5 वर्ष बाद इसका संचालन पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
अन्य विद्यालय को सबक सिखाएंगे यह स्कूल
उल्लेखनीय है कि पी.एम. श्री स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के समग्र रूप से अनुपालन के साथ शिक्षा की गुणवत्ता, समानता एवं शिक्षा सुविधा की पहुँच का समावेश किया जाए गा। ये स्कूल अन्य विद्यालयों के लिए उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होंगे।
चिकित्सा की मिलेगी सुविधाएं आमजन को
मंत्रि-परिषद् द्वारा सीहोर जिले के बुधनी में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता का नवीन चिकित्सा महाविद्यालय तथा 500 बिस्तर सम्बद्ध अस्पताल स्थापित किये जाने के साथ नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का नर्सिंग महाविद्यालय और पेरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का महाविद्यालय स्थापित किये जाने के लिये 714 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। होशंगाबाद, इटारसी, पिपरिया, बैतूल एवं आसपास के क्षेत्रों की भोपाल, जबलपुर तथा छिंदवाड़ा में स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों से दूरी अत्यधिक होने से क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधाएँ सुलभता से प्राप्त होंगी।