प्रशासन का अंकुश : अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए महिला बाल विकास विभाग ने कमर कसी
⚫ आमजन को कर रहे हैं जागरूक
⚫ बाल विवाह में सहयोग करने वाले सभी पर होगी कार्रवाई
⚫ 2 वर्ष के दंड का प्रावधान
हरमुद्दा
रतलाम, 20 अप्रैल। अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन ने तैयारियां कमर कस ली है। ऐसे आयोजनों पर अंकुश लगाने के लिए जहां लोगों को जागरूक किया जा रहा है, वहीं कार्यक्रमों में सेवाएं देने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यवसाय वाले, बैंड बाजा, कैटरर्स संचालकों के अलावा पंडित व मौलवी को भी संदेश दिया जा रहा है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वर वधू निर्धारित आयु से कम के नहीं हो। यदि ऐसा पाया जाता है तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजन में कार्यरत सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रजनीश सिन्हा ने हरमुद्दा को बताया गया कि 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह कानूनी अपराध है इस पर 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹1,00000 के जुर्माने का प्रावधान है । बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार विवाह की आयु लड़की की 18 वर्ष एवं लड़के की 21 वर्ष से अधिक होना चाहिए । इससे कम आयु की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है।
गुप्त रखी जाएगी शिकायत
बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा । इस तरह की शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर की जा सकती है ।
कंट्रोल रूम की स्थापना
श्री सिन्हा ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले में 22 अप्रैल 2023 को ध्यान में रखते हुए बाल विवाह की रोकथाम एवं शिकायत दर्ज करवाने हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है; जिसके अंतर्गत पवन कुंवर सिसोदिया, बाल संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थानिक ) मोबाइल नंबर 7581083143 एवं प्रेम चौधरी ,समन्वयक चाइल्ड हेल्प लाइन के मोबाइल नंबर 9826259087 तथा इसके अलावा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।