62 वीं ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला : लोगों के लालच ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि व्यक्ति के जीवन से कर रहे हैं खिलवाड़, ग्राहक हितों का संरक्षण जागरूकता से ही संभव

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के केंद्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने कहा

अभ्यास मंडल के बैनर तले व्याख्यानमाला की शनिवार की शाम को हुई शुरुआत

हरमुद्दा
इंदौर, 14 मई। ग्राहक की जेब से ज्यादा पैसे कैसे निकालूं, इसके बजाय ग्राहक का ध्यान रखने वाले की ग्राहकी ज्यादा चलती है। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि लालच में व्यक्ति के जीवन से भी खिलवाड़ कर देते हैं। अब केमिकल से दूध, मावा और पनीर तैयार किया जाना लगा। हमें भी अपने देश में जीडीपी पर नहीं ग्राहक संतुष्टि का इंडेक्स बनाने पर ध्यान देना होगा। ग्राहक के हितों का संरक्षण कानून से नहीं बल्कि ग्राहक की स्वयं की जागरूकता से होगा।

यह विचार अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के केंद्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने व्यक्त किए। श्री सबनीस अभ्यास मंडल के बैनर तले शनिवार की शाम को शुरू हुए व्याख्यानमाला के 62 वें पड़ाव के पहले दिन बतौर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद रहे। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत तपेंद्र सुगंधी, नयनी शुक्ला, पीसी शर्मा, अशोक मित्तल, गौरव संचार, डॉक्टर पल्लवी अढाव ने किया।

जागरूक होंगे तभी बच सकेंगे शोषण से

पद्मश्री अभय छजलानी, वेद प्रताप वैदिक और बसंत शिंत्रे की स्मृति में आदरांजली व्याख्यान के पहले दिन “ग्राहक की जागरूकता ही देश की उन्नति” विषय पर श्री सबनीस ने कहा कि ग्राहकों के संरक्षण के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। जब तक ग्राहक खुद जागरूक नहीं होगा, तब तक कोई कानून उसे शोषण से नहीं बचा सकेगा। हमें किसी के द्वारा भविष्य को लेकर दिखाए जाने वाले सपने पर भरोसा नहीं करना चाहिए। किसी भी विज्ञापन में दी गई जानकारी के आधार पर डरना नहीं चाहिए और फैशन के नाम पर सब कुछ स्वीकारना नहीं चाहिए।

मनमाने तरीके से नहीं होनी चाहिए कीमत पर

श्री सबनीस ने कहा कि विभिन्न वस्तुओं की एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा की जरूरत है। आज दस रुपए की चीज बाजार में सौ रुपए में मिल रही है। जब तक एमआरपी तय नहीं होगी, यह चलता रहेगा। मनमाने तरीके से एम आर पी तय होती है और मनमानी कीमत पर वस्तुएं बेची जाती है। इस स्थिति पर नियंत्रण आवश्यक है।

आवाज उठाई तो मिलने लगा दर्शकों को मैच के दौरान पानी मुफ्त

श्री सबनीस ने कहा कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की पहल पर ही देश में ग्राहक कानून बनवाया गया। इंदौर में आईपीएल के मैच में पानी की बोतल 50 और 100 रुपए में बेची जा रही थी। हमारे संगठन द्वारा इस पर आपत्ति ली गई। कलेक्टर के द्वारा आदेश दिया गया कि क्रिकेट के मैच में पानी की बोतल कोई भी दर्शक अपने घर से नहीं लाएगा। हमने कहा कि इतनी महंगी कीमत पर पानी की बोतल दर्शक नहीं खरीदेंगे। मुफ्त में पाना दर्शक का अधिकार है। उसके बाद में फिर इंदौर के स्टेडियम में पानी मुफ्त में मिलने लगा। स्टेडियम में दर्शकों को नाश्ते के रूप में दी जाने वाली सामग्री की कीमत का डिस्प्ले करने की भी हमने मांग उठाई। इसका यह परिणाम हुआ कि स्टेडियम में बैठे 40000 लोगों के साथ मुनाफाखोरी नहीं की जा सकी। इंदौर जिस तरह से स्वच्छता में नंबर वन है, उसी तरह से मुनाफाखोरी को रोकने में भी नंबर एक बन सका है।

किए स्मृति चिह्न भेंट

अतिथियों को स्मृति चिन्ह पूर्व आईजी मदन राणे ने भेंट किए। संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। आभार अशोक बड़जात्या ने माना।

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