62 वीं व्याख्यानमाला : हमारे देश में आम नागरिक पहुंच से दूर सांसद, विधायक, सपनों का भारत बनाने के लिए शिक्षा पर होना चाहिए बजट का दस फीसद खर्च
⚫ अभ्यास मंडल के बैनर तले शुरू हुई व्याख्यानमाला के दूसरे दिन सांसद वरुण गांधी ने कहा
⚫ 42 करोड में से 8 लाख लोगों को मिली नौकरी
⚫ लोन गरीब नहीं, खाते हैं अमीर
⚫ उद्योगपतियों को दिए गए लोन में 5.7 लाख करोड़ रुपए के बेड लोन
⚫ आम नागरिकों के लोन 80 हजार करोड़ बेड लोन
हरमुद्दा
इंदौर, 14 मई। जर्मनी में सांसद और विधायक के लिए यह कानून बना हुआ है कि देश का कोई भी नागरिक उनसे वेबसाइट के माध्यम से सीधे सवाल पूछ सकता है और 3 दिन में उन्हें जवाब देना होता है। हमारे देश में तो यह स्थिति है कि आम नागरिक सांसद, विधायक पहुंच ही नहीं पाता है। आवश्यकता इस बात की है कि हम पद को सम्मान से नहीं बल्कि कर्तव्य से जोड़ें । देश के भविष्य की राह में अच्छे अवसर तब पैदा होंगे, जब देश की जनता के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही का संदेश जाएगा। वर्तमान में सभी व्यक्तियों को पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए और अपने काम की जवाबदेही को भी स्वीकार करना चाहिए। हिंदुस्तान का आर्थिक ढांचा हिंदुस्तानी ही होना चाहिए। हम विदेश के आर्थिक ढांचे को अपने देश में खड़ा नहीं कर सकते हैं।
यह विचार सांसद एवं विचारक वरुण गांधी ने व्यक्त किए। सांसद गांधी अभ्यास मंडल के बैनर तले शुरू हुई 62 वीं व्याख्यानमाला की दूसरी शाम को जाल सभागृह में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। प्रारंभ में अतिथि का स्वागत नेताजी मोहिते, मुरली खंडेलवाल, वैशाली खरे, द्वारका मालवीय, स्वप्निल व्यास और सुनील डावर ने किया।
पद्मश्री अभय छजलानी वेद प्रताप वैदिक और बसंत शिंत्रे को समर्पित आदरांजलि व्याख्यानमाला के दूसरे दिन रविवार को “भारत के लिए भविष्य की राह : अवसर व चुनौतियां” विषय पर उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में 42 करोड़ लोगों ने पब्लिक सेक्टर में नौकरी पाने के लिए परीक्षा दी है । इनमें से नौकरी मात्र आठ लाख लोगों को ही मिल सकी है । ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि देश का युवा कहां जाएगा ? सरकार का युवा पर फोकस क्यों नहीं है ?
सुपर पावर देश के राष्ट्रपति ने नजर नहीं आया कोई अहंकार
श्री गांधी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुलाकात में सुपर पावर देश के राष्ट्रपति में मुझे कहीं कोई अहंकार नजर नहीं आया। जब मुलाकात पूरी हो गई और मैं जा रहा था तो क्लिंटन ने मुझे यह सीख दी कि यह हमेशा याद रखना कि आप पब्लिक सर्वेंट हो। इसके बाद क्लिंटन ने दूसरी सीख दी कि अपने आप को कभी लीडर मत बोलना क्योंकि लीडर बनने के लिए बहुत तप करना पड़ता है।
एक करोड़ पद रिक्त देश में
उन्होंने कहा कि इस समय हमारे देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार में कुल 1 करोड़ पद रिक्त हैं । पिछले 20 वर्षों में जो सरकारी नौकरियां निकली है उनमें से 80% नौकरी संविदा नियुक्ति के आधार पर भरी गई है । निश्चित तौर पर सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण आर्थिक संरचना का हिस्सा होता है, लेकिन हमें यह सोचना होगा कि यदि हम हर चीज का निजीकरण कर देंगे तो फिर क्या युवा नौकरी पा सकेगा।
लोन गरीब नहीं, खा रहे हैं अमीर
लोन प्रणाली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंक 71% लोन हजार करोड़ से ज्यादा लेन देन वाले व्यक्ति को देते हैं, जबकि 20% लोन 100 करोड़ से हजार करोड़ तक के लेनदेन वाले व्यक्ति को देते हैं। ऐसे में आम आदमी को केवल 2% लोन मिल पाता है । इसके पीछे बैंक का कहना होता है कि गरीब व्यक्ति चोरी करते हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा लोन नहीं दिया जा सकता। इस मामले में एक चौंकाने वाली हकीकत यह भी है कि पिछले 10 साल में आम नागरिकों को दिए गए लोन में मात्र 80,000 करोड रुपए के बेड लोन थे जबकि देश के बड़े उद्योगपतियों को दिए गए लोन में 5.7 लाख करोड़ रुपए के बेड लोन थे। ऐसे में हमें यह समझ लेना चाहिए कि देश को गरीब नहीं खा रहा है।
शिक्षा के साथ जरूरी है रोजगार प्राप्त करने की काबिलियत
शिक्षा के क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि नई पीढ़ी तेजी से आगे बढ़ना चाहती है लेकिन उसमें हमें शिक्षा के साथ रोजगार प्राप्त करने की काबिलियत को विकसित करना होगा । इस समय स्थिति यह है कि शिक्षा के लिए सरकार के बजट में जितना प्रावधान किया जाता है उसमें से 80% राशि भवन निर्माण पर खर्च करने के लिए होती है । जबकि शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए मात्र 6% राशि का प्रावधान किया जाता है। हमारे देश में मध्य प्रदेश सहित सात राज्यों में 42 लाख शिक्षकों की कमी है। देश में यदि बेहतर स्थिति बनाना है तो हमें अपने कुल बजट की 10% राशि को शिक्षा के लिए रखना होगा।
भेंट किए स्मृति चिह्न
अतिथि को स्मृति चिह्न मेडिकैप्स विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश मित्तल ने भेंट किए। अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने बताया कि 15 मई को राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश का व्याख्यान होगा, जो कि “नए दौर की चुनौतियां” विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। व्याख्यानमाला में काफी संख्या में सुधी श्रोताजन मौजूद थे। संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने आभार माना।