सामाजिक सरोकार : कबीर में कोई द्वैत नहीं, कोई भेद नहीं : पद्मश्री टिपानिया
⚫ संस्था ‘हम लोग’ ने किया प्रसिद्ध कबीर गायक का सम्मान
हरमुद्दा
रतलाम, 15 मई। कबीर में जीवन और दर्शन अद्भुत है। उनके यहां कोई द्वैत नहीं है। कोई भेद भी नहीं। कबीर जैसे भीतर हैं, वैसे ही बाहर।कबीर जिस संसार की बात करते हैं वह संसार हमारे भीतर है। कबीर हमारे मन की सभी वासनाओं से मुक्त कर हमें एक नई रोशनी देते हैं । भटकाव से दूर कर वे एक नया मार्ग दिखाते हैं।
यह विचार प्रख्यात कबीर भजन गायक पद्मश्री प्रहलाद टिपानिया ने ‘हम लोग’ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कबीर के जीवन दर्शन पर अपने व्याख्यान में व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि कबीर की साखियां आज भी जन-जन में लोकप्रिय हैं। ये साखियां कबीर के समय की साक्ष्य हैं, जिन्हें आज दोहों के नाम से जाना जाता है। कबीर ने पाखंडों का प्रहार किया और सभी बुराइयों का विरोध किया । कबीर के राम हर मनुष्य के भीतर मौजूद हैं, उन्हें किसी परिभाषा की आवश्यकता नहीं। वे बुराइयों का प्रतिकार करते रहे यही कारण है कि आज भी वह जन जन के भीतर सफर कर रहे हैं। श्री टिपानिया ने इस अवसर पर अपने कुछ कबीर भजन प्रस्तुत कर उनके मर्म से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कबीर सिर्फ़ सुनने का विषय नहीं है ,कबीर गुनने का विषय भी है। उन्हें जितना समझो वे और हमें गहराई में ले जाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपने जीवन में कबीर से जुड़ाव होने का विस्तृत वर्णन भी किया।
नायकों से परिचित करवाता रहेगा ‘हम लोग’
‘हम लोग’ के अध्यक्ष सुभाष जैन ने श्री टिपानिया का परिचय देते हुए कहा कि हम लोग द्वारा रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से निरंतर आयोजन किए जाते रहे हैं । आने वाले समय में भी समाज को मार्गदर्शन देने वाले ऐसे ही नायकों से हम लोग परिचित करवाता रहेगा । इस अवसर पर श्री टिपानिया का ‘हम लोग’ की ओर से अभिनंदन किया गया।
यह थे मौजूद
समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रकाश उपाध्याय, डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, विष्णु बैरागी ,ओम प्रकाश मिश्र, पद्माकर पागे, महावीर वर्मा, संजय परसाई, प्रकाश सेठिया, वासु गुरबानी आशीष दशोत्तर,लगन शर्मा ,राधाकृष्ण चांदनीवाला, राकेश शर्मा, अशोकजैन,जयकुमार ,आकाश वर्मा सहित शहर के गणमान्यजन मौजूद थे।