आयोग आपके द्वार : म.प्र. मानव अधिकार आयोग ने की जनसुनवाई
⚫ 40 मामले सुने
⚫ 28 मौके पर निराकृत
⚫ 11 प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश
हरमुद्दा
रतलाम 16 जून। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ‘‘आयोग आपके द्वार कार्यक्रम’’ के तहत 16 जून को कलेक्टर कार्यालय रतलाम के सभागृह में पहले से लम्बित और नये मामलों की जनसुनवाई की। आयोग अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टंडन ने पक्षकारों, आवेदकों व जिलाधिकारियों से रूबरू होकर कुल 40 मामलों की सुनवाई की।
पहले से लंबित थे 23 प्रकरण
रतलाम की जनसुनवाई में आयोग द्वारा कुल 40 मामले सुने गये। इनमें 23 मामले पहले से लंबित थे, 17 नये मामले आयोग को जनसुनवाई के दौरान ही प्राप्त हुए। पहले से लंबित 23 मामलों में से आयोग द्वारा 17 मामले संबंधित आवेदकों को अनुतोष (क्षतिपूर्ति) एवं सहायता राशि दिलाते हुए मौके पर ही निराकृत कर दिये गये। शेष 06 मामलों में आयोग ने संबंधित विभागाधिकारियों को और अधिक गंभीरतापूर्वक जांचकर पुनः प्रतिवेदन देने के निर्देश दिये।
11 प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश
इसी क्रम में जनसुनवाई के दौरान मिले 17 नये प्रकरणों में से 11 प्रकरण आयोग द्वारा कलेक्टर एवं एसपी को समुचित कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए मौके पर ही निराकृत कर दिये और शेष 06 प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु आयोग ने संबंधित विभाग/जिलाधिकारियों को मामले के सभी पक्षों की जांचकर अगले एक माह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन देने के निर्देश दिये।
जनसुनवाई के दौरान निराकृत कुछ विशेष प्रकरण
⚫ मप्र मानव अधिकार आयोग के रतलाम के प्र.क. 3268/2022 में ग्राम मऊ निवासी आवेदिका श्रीमती मंजूबाई खराड़ी के पति बद्रीलाल की कुएं में डूबने से मृत्यु हो जाने पर अभी डायटम रिपोर्ट न आने के कारण मंजूबाई को मुआवजा राशि नहीं दी गई थी। आयोग द्वारा इस विषय पर सुनवाई के दौरान कलेक्टर रतलाम से चर्चा की गई। इस पर कलेक्टर द्वारा फिलहाल आवेदिका को 25000 रू की आर्थिक सहायता राशि जिला रेडक्रास के माध्यम से मंजूर कर दी गई। अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने जिला प्रशासन की ओर से यह सहायता राशि आवेदिका को प्रदान की।
⚫ मप्र मानव अधिकार आयोग के रतलाम के प्र.क. 0956/2023 में आयोग द्वारा एक समाचार पत्र में प्रकाशित ‘‘आदिवासी बेटी, जो सिर्फ रात में ही देख पाती है’’ शीर्षक खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग की पहल पर कलेक्टर रतलाम द्वारा इस आदिवासी बेटी (उम्र 10 वर्ष) का इंदौर के चोईथराम अस्पताल में आपरेशन करवाया गया एवं उसे 20 हजार रू. की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की गई। बालिका अब ठीक से देख पा रही है और उसके अभिभावक भी संतुष्ट हैं।
⚫ मप्र मानव अधिकार आयोग के रतलाम के प्र.क. 4730/2023 में आयोग द्वारा एक समाचार पत्र में ‘‘मृत व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन करता प्रशासन‘‘ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया गया था। प्रकरण में आयोग द्वारा कलेक्टर, एसपी एवं नगर निगम प्रशासन से चर्चा की गई एवं अज्ञात लाशों को दफनाने हेतु एक स्थान चिन्हित करने हेतु समन्वय कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। कलेक्टर द्वारा आज ही ग्राम जुलानिया में स्थान चिन्हित करते हुए वहां इस आशय का बोर्ड लगावाने के निर्देश भी जारी कर दिये गये।
⚫ मप्र मानव अधिकार आयोग को यह शिकायत मिली थी कि रतलाम शहर में बन रही स्मार्ट रोड़ के कारण कुछ गुमटियों को हटाया जा रहा है। इस पर आयोग ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि प्रभावित हो रहे गुमटी वालों के हितों व उनके पुर्नवास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरान्त ही गुमटियां हटाई जायें।
⚫ मप्र मानव अधिकार आयोग ने एक समाचार पत्र में जिले के एक स्कूल परिसर के भीतर भैरोजी का मंदिर आने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने संबंधी मामले पर संज्ञान लिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि स्कूल और मंदिर के बीच में सेपरेट बाउण्ड्रीवाल बना दी जाये, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। दोनों ही अधिकारियों ने इस पर तत्काल अमल कार्यवाही सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
यह थे मौजूद
जनसुनवाई में कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव, एसडीएम शहर संजीव पाण्डे, एसडीएम ग्रामीण त्रिलोचन गौड़, म.प्र. मानव अधिकार आयोग में रतलाम जिले के मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी, अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों सहित मानव अधिकार हनन मामलों से संबंधित विभागों के जिलाधिकारी एवं पक्षकार, आवेदक भी मौजूद थे।