सामाजिक सरोकार : विद्यापीठ की आधारशिला है संस्कार

15 वें स्थापना दिवस पर संस्थापक अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने सतीश त्रिपाठी को आगामी अध्यक्ष बनाने का दिया प्रस्ताव

हरमुद्दा
रतलाम 30 जून। शिक्षा व संस्कार विद्यापीठ की आधारशिला है ।न्यूनतम शुल्क में अच्छी शिक्षा मिले। इसी विचार से वर्ष 2008 में विद्यापीठ की स्थापना की गई थी । आज विद्यापीठ अपने इस विचार को सार्थकता प्रदान कर रही है।

कार्यक्रम में पूजन अर्चन करते हुए अतिथि

यह विचार श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ के संस्थापक अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने विद्यापीठ के 15 वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को ब्राह्मणवास स्थित विद्यापीठ सभागृह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ के माध्यम से आज सिखवाल समाज का नाम शिक्षा के क्षेत्र में गौरवान्वित हो रहा है। उन्होंने विद्यापीठ के विकास व उच्च माध्यमिक कक्षा संचालित करने की बात कही। प्रारंभ में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। स्वागत उद्बोधन संस्थापक संस्थापक सह सचिव सतीश त्रिपाठी ने दिया। संचालन शिक्षिका ललिता शर्मा ने किया। आभार सचिव गोपालकृष्ण व्यास ने माना।

सतीश त्रिपाठी को अध्यक्ष बनाने का दिया प्रस्ताव

विद्यापीठ के 15 वें स्थापना दिवस पर संस्थापक अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने विगत 15 वर्षों से निरंतर सक्रिय सतीश त्रिपाठी के नाम का अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा कि युवाओं को जिम्मेदारी मिलना चाहिए । इसी से विद्यापीठ का विकास होगा। करतल ध्वनि से इसका समर्थन किया गया। इस अवसर पर देवस्थान न्यास उपाध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, महासचिव महेश व्यास, देवस्थान न्यासी अनिल पांडया आदि उपस्थित थे।

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