सामाजिक सरोकार : जिस गोचर भूमि पर अतिक्रमण है, उसे किया जाए मुक्त, आत्मनिर्भर बनाया जाए सभी गौशालाओं को

⚫ प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंदजी गिरि ने रतलाम बैठक में दिए निर्देश

⚫ गौशाला का संचालन कार्य उस हाथ में दें जो करें सेवा भाव से

हरमुद्दा
रतलाम 05 जुलाई। मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंदजी गिरी ने बुधवार को रतलाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला गोपालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक में सम्मिलित होते हुए निर्देशित किया कि रतलाम जिले की समस्त गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। जिले में जो भी निराश्रित गोवंश हैं, उनको गौशालाओं में रखा जाए। कोई भी गोवंश इधर-उधर भटके नहीं, उनको सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ गौशालाओं में रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंदजी गिरि निर्देश देते हुए

बैठक में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिड़े, उपसंचालक पशुपालन डॉ. डी.के. जैन तथा जिले की गौशालाओं के संचालक उपस्थित थे।

योजना बनाकर करें 15 से 20 दिन में अमल

बैठक में गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में रखने के लिए कार्य योजना बनाकर 15 से 20 दिनों में अमल किया जावे, रिपोर्ट भी प्रेषित करें। जिले में गौशालाओं का संचालन सुनियोजित ढंग से किया जाए। गोवंश की सुविधा के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करें, कोई भी एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूह अथवा ग्राम पंचायत की मदद गौशाला संचालन के लिए ली जा सकती है। जो भी गौशाला का संचालन कार्य हाथ में ले उसे सेवा भाव से नियोजित ढंग से करें।

दुग्ध के विक्रय से होगी गौशाला की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़

गौशालाओं की आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है कि अधिकाधिक दुधारू गाय उपलब्ध हो, इनसे प्राप्त होने वाले दुग्ध, गोबर, गोमूत्र इत्यादि का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जाकर अधिकाधिक अर्थ उपार्जन गोशाला हेतु किया जा सकता है। गायों से मिलने वाले दुग्ध के विक्रय से गौशाला की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी। गौ संवर्धन बोर्ड प्रति गोवंश 20 रुपए प्रतिदिन के मान से अनुदान राशि जारी कर रहा है। इस वर्ष के प्रथम त्रैमास की राशि जारी की जा चुकी है, शीघ्र ही सबको मिल जाएगी परंतु यह सुनिश्चित किया जाए कि गौशालाओं में गोवंश हेतु प्रकाश, चारा, पानी, उचित शेड्स की व्यवस्था हो। अवैध परिवहन द्वारा पकड़े जाने वाले गोवंश के रखने के लिए भी गौशालाओं में उचित प्रबंध किए जाएं। यह आवश्यक भी है कि अवैध परिवहन में पकड़े जाने वाले गोवंश को जिले में उचित सुविधा मिले।

जिस गोचर भूमि पर अतिक्रमण है उसे किया जाए मुक्त

गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि जिस गोचर भूमि पर अतिक्रमण है, प्रशासन उसे अतिक्रमण से मुक्त कराएं। प्रशासन से अनुमति लेकर ही किसी भूमि पर गौशाला का निर्माण किया जाए। कलेक्टर को निर्देशित किया कि जिले में गौशालाओं के विस्तार के लिए जहां भी उपलब्ध हो भूमि आवंटित की जाए। आपने बताया कि गौशालाओं में गोवंश से प्राप्त गोबर तथा गोमूत्र से उपयोगी सामग्री निर्मित की जाकर व्यावसायिक विक्रय किया जा सकता है जिसका लाभ गौशालाओं को मिलेगा।

गौशालाओं पर दिया जा रहा है 100 फीसद ध्यान

इस अवसर पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि जिले में गौशालाओं के रख-रखाव पर शत-प्रतिशत ध्यान दिया जा रहा है। गोवंश को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो यह सुनिश्चित किया गया है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जिले में गौशालाए एक मॉडल स्वरूप में अनुकरणीय रूप में निर्मित हो।

33 में से 31 गौशाला क्रियाशील

बैठक में उपसंचालक डॉ. डी.के. जैन ने बताया कि जिले में अशासकीय रूप से संचालित 33 गौशालाओं में से 31 गौशालाए क्रियाशील हैं। इसके अलावा मनरेगा से निर्मित की गई 5 गौशाला विभिन्न ग्रामों में संचालित है।

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