पाठ्येतर गतिविधि : शिक्षा के साथ लक्ष्य को तयकर जीवन में बढ़े आगे

नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने कहा

अतिथियों की मौजूदगी में ली छात्र परिषद ने शपथ

श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल शास्त्री नगर में हुआ आयोजन

हरमुद्दा
रतलाम, 10 अगस्त। बच्चों को अपनी शिक्षा व लक्ष्य का निर्धारण कर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। शिक्षा के साथ ही अपनी प्रतिभा के बल पर अन्य गतिविधियों में भी हिस्सेदारी करना चाहिए। चाहे वह खेल हो, नेतृत्व हो, कला हो, संस्कृति हो, सभी में अपनी रूचि के अनुसार प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए।

यह विचार नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने व्यक्त किए। श्रीमती शर्मा श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल शास्त्री नगर के छात्र शपथ विधि समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थी। समारोह में विभाग संयोजक कुटुंब प्रबोधन विभाग रतलाम सदस्य किशोर न्याय बोर्ड रतलाम जीवराज पुरोहित मौजूद थे।

सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ आयोजन

प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह भामरा ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती व श्री गुरु तेग बहादुर जी के चित्र पर अतिथि शर्मा व  पुरोहित, श्री गुरु तेग बहादुर शैक्षणिक विकास समिति अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह डंग, प्राचार्य मेघा वैष्णव ने माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत समिति अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह डंग, उपाध्यक्ष हरजीत चावला, सचिव अजीत छाबड़ा, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह वाधवा, प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह भामरा, सदस्य सतपाल सिंह डंग, धर्मेंद्र गुरूदत्ता, प्राचार्य मेघा वैष्णव, प्रधानाध्यापिका सरला माहेश्वरी, मनीषा ठक्कर आदि ने किया।

ध्वज और बेज देकर दिलाई शपथ

अतिथियों ने हेड ब्वॉय कुबेर यादव, हेड गर्ल दीया परसाई, स्पोर्ट्स कैप्टन ध्रुवराज सिंह सिसोदिया, डिप्टी हेड ब्वॉय आशुतोष जाट, डिप्टी हेड गर्ल ओजस्विता सोलंकी, बाबा अजीत सिंह हाउस कैप्टन ऋषभ कुमार जैन, बाबा जुझार सिंह हाउस कैप्टन देवकी राठौड, बाबा जोरावर सिंह हाउस कैप्टन दक्ष मूणत, बाबा फतेह सिंह हाउस कैप्टन तंजिला कुरैशी, स्पोर्ट्स कैप्टन प्रणव परमार, मोहम्मद जैद सिद्दीकी, वरुण सिंह राठौड़, तनिष्क भटेवरा, डिसिप्लिन कैप्टन अमीरा मंसूरी, सेबी मठारू, ग्रेसी खाती, रोहमीन खोकर कल्चरल कैप्टन राही कटारिया, रूपाली वैष्णव, विधि ओझा, आज्ञा सोलंकी आदि को ध्वज व बेज प्रदानकर शपथ दिलवाई।

माता-पिता के अनुभव से मिलती है बहुत सी सीख

हम किसी भी भाषा में पढ़ाई करें किंतु हमें घर पर अपनी मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए। घर के बुजुर्गों शिक्षकों वह बड़ों का सम्मान करना चाहिए। उनकी बात मानना चाहिए हमारे जीवन में माता-पिता का बहुत महत्व, उनका आशीर्वाद तथा अनुभव हमें बहुत सीख देता है।

जीवराज पुरोहित

संस्था का सम्मान होते हैं विद्यार्थी

बच्चे संस्था का मान सम्मान होते हैं उन्हीं की प्रतिभा से स्कूल संस्था व शहर का नाम रोशन होता है।

सरदार गुरनाम सिंह डंग, समिति अध्यक्ष

पढ़ाई के साथ पाठ्येतर गतिविधियों में भी देना चाहिए विद्यार्थियों को ध्यान

बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी इतना ध्यान देना चाहिए तथा ली गई शपथ को याद रखना चाहिए

मेघा वैष्णव, प्राचार्य

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