आम बजट: सामान्य वर्ग को खास रियायत नहीं, अमीरों पर लगाया सरचार्ज, बिना उम्मीद की नई घोषणाएं

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्‍ली, 5 जुलाई। पहली बार किसी महिला वित्त मंत्री सीतारमन ने देश का आम बजट पेश किया। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट इस लिहाज से ऐतिहासिक रहा। बजट में की गई घोषणाओं के आधार पर देखा जाए तो इसमें जहां मिडिल क्‍लास को कोई विशेष रियायत नहीं दी गई वहीं अमीरों पर सरकार ने सरचार्ज लगा दिया। इसके अलावा कई ऐसी घोषणाएं की गई, जिसकी उम्मीद नहीं थी। बजट को लेकर शेयर बाजार की भी प्रतिक्रिया भी निराशाजनक रही। हालांकि, इन सबके बावजूद पांच ऐसी घोषणाएं बजट 2019 में की गई, जो बेहद खास है।

ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं सीतारमन

सीतारमण ने बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इससे पहले सीतारमण परंपरा तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं। अब तक वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में ही बजट लेकर संसद पहुंचते थे।मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने फोल्डर में बजट ले जाने पर कहा कि यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है। इसे आप बजट नहीं बल्कि बही खाता कह सकते हैं। निर्मला सीतारमण का यह पहला बजट है।

जीवन को ‘‘अधिक सरल’’ बनाने के लक्ष्य
‘गांव, गरीब और किसान’ तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को ‘‘अधिक सरल’’ बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गये नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांच के विस्तार, पेंशन और वीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण में कहा कि हालिया चुनाव में एक आकर्षक और मजबूत भारत की उम्मीदें लहरा रही थीं और लोगों ने एक ऐसी सरकार को चुना जिसने काम कर के दिखाया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण की 10 बड़ी बातें

पहली बात
बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाया जाएगा। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 1 रुपया बढ़ा, सोने पर ड्यूटी 10 से 12.5 फीसदी होगा। 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट दी जाएगी. 5 करोड़ से ऊपर सालाना आय वालों पर अब 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ की सालाना आय वालों पर 3 फीसदी और सरचार्ज लिया जाएगा, वहीं सालाना 5 लाख रुपये से कम आय वालो को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

दूसरी बात
अब कार्यक्रमों की रफ्तार तेज की जाएगी और लालफीताशाही को कम किया जाएगा। डेढ़ करोड़ रुपये से कम के सालाना कारोबार वाले तीन करोड़ खुदरा कारोबारियों एवं दुकानदारों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

तीसरी बात
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को अब तक 30 लाख कामगारों ने अपनाया। इस योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी।

चौथी बात
बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है। मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके।

पांचवीं बात
बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी. साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी। अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक (टीपीए), सर्वेयर और नुकसान आकलनकर्ता शामिल हैं।

छठवीं बात
सरकार का मकसद ‘‘हमारे नागरिकों के जीवन को अधिक सरल बनाना है। यह सूचना देते हुए प्रसन्न एवं संतुष्ट हूं कि भारत को दो अक्तूबर 2019 को खुले में शौच करने से मुक्त घोषित किया जाएगा।”

सातवीं बात
किराये वाले मकानों को प्रोत्साहन देने के लिए कई सुधार किए जाएंगे। मौजूदा कानून काफी पुराने हैं क्योंकि वे पट्टा देने वाले और पट्टा लेने वालों के संबंधों की समस्याओं का ढंग से निदान नहीं कर पाते।

आठवीं बात
श्रम कानूनों को सरल कर चार कानून संहिताएं तय की जाएंगी. इसका मकसद रिटर्न दाखिले और पंजीकरण का मानकीकरण करना और विवादों को घटना है। स्वयं सेवी समूह की प्रमाणित महिला सदस्य का जन धन खाता होगा और उन्हें पांच हजार रूपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी।

नवीं बात
2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी. जो लोग कनेक्शन नहीं लेना चाहते, उन्हें छोड़कर 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।

दसवीं बात
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 80,250 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से 1,25000 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराये जाएंगे. इनमें रसोई गैस, बिजली एवं शौचालयों जैसी सुविधा होगी।

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