मुद्दे की बात : जांच आयोग जनता के साथ धोखा, पेटलावद ब्लास्ट में कलेक्टर एसपी को बचा रहे शिवराज

8 साल में भी जांच रिपोर्ट को विधानसभा में नहीं रखा

शासन की कमजोर पैरवी से सातों आरोपी बरी

79 व्यक्तियों की मौत की सजा मात्र ₹1600

मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने से इनकार कर दिया शासन ने

हरमुद्दा
पेटलावद ब्लास्ट जांच आयोग के न्यायमूर्ति आर्येन्द्र कुमार सक्सेना का जांच प्रतिवेदन 11 दिसंबर 2015 को मिलने के बाद भी 9 साल में विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया। शिवराज कलेक्टर, एसपी को बचा रहे हैं । जांच आयोग जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। कमलनाथ सरकार बनने के बाद पेटलावद  ब्लास्ट और मंदसौर गोलीकांड के सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

यह आरोप कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तथा पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाया। मुद्दे की बात उठाते हुए श्री सकलेचा ने कहा की 2008 से 2021 तक 7 जांच आयोग बनाए गए। जिसमें से  छ: आयोग की रिपोर्ट, प्राप्त होने के 5 साल से 13 साल के बाद भी विधानसभा के पटल पर नहीं रखी गई । जबकि जांच आयोग अधिनियम की धारा 3(4) के तहत उसे 6 माह के अंदर विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए।

ब्लास्ट के बाद मची अफरा तफरी का दृश्य

मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने से इनकार कर दिया शासन ने

श्री सकलेचा ने कहा की मंदसौर गोलीकांड की जैन आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में रखने की पिटीशन पर उच्च न्यायालय इंदौर में  शासन ने अपने जवाब में कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, विधानसभा के पटल पर  रखने के लिए शासन बाध्य नहीं है। शासन ने मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने से इनकार कर दिया।

क्या हुआ वादे का

श्री सकलेचा ने पूछा की जांच आयोग बनाते समय शिवराज ने जो वादा किया था कि अपराधी को कठोर से कठोर दंड दिलाया जाएगा, उसका क्या हुआ ? क्या जांच आयोग जनता को धोखा देने के लिए बनाया गया था।

कमजोर तरीके से हुई पैरवी

श्री सकलेचा ने आरोप लगाया कि शिवराज 12 सितंबर 2015 को  पेटलावद बलास्ट में 79 लोगों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर, एसपी, एसडीएम तथा एसडीओपी को बचाने के लिए जांच आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर नहीं रख रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को बचाने के लिए शासन द्वारा न्यायालय में प्रकरण की पैरवी कमजोर तरीके से की गई और सातों आरोपी बरी हो गए। शासन की कमजोर पैरवी का आरोप गृह विभाग द्वारा गठित एस आइ टी  की मुखिया सीमा मेडम ने भी लगाया।

रिटायरमेंट के पहले की 1600 की वेतन वृद्धि

श्री सकलेचा ने कहा कि यह बड़ा आश्चर्यजनक है कि पूरे घटनाक्रम में मात्र थाना अधिकारी शिवजी सिंह की रिटायरमेंट के पहले ₹1600 की एक वेतन वृद्धि रोकी गई । जबकि थाना अधिकारी ने स्पष्ट आरोप लगाया कि उन्हें मोहरा बनाया जा रहा है और कलेक्टर और एसपी को बचाया जा रहा है। श्री सकलेचा ने कहा कि कमलनाथ सरकार बनने के बाद पेटलावद  ब्लास्ट और मंदसौर गोलीकांड के सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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