धर्म संस्कृति : श्रीकृष्ण कामधेनु गौशाला द्वारा बेहद ही सुन्दर इको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियाँ तैयार
⚫ घर में ही गमलों में भी विसर्जन किया जा सकेगा
⚫ गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रान्तों में भी है मांग
हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
रतलाम, 15 सितंबर। गणेश उत्सव में पूजन के लिए श्रीकृष्ण कामधेनु गौशाला, मांगल्य मंदिर द्वारा गोबर से गणेशजी की मूर्ति बनाई जा रही है। इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमाओं का सबसे बड़ा लाभ यह है कि दस दिवसीय गणेशोत्सव में पूजन के पश्चात अनंत चतुर्दशी पर भक्त अपने हाथों से ही इनका घर में ही गमलों में भी विसर्जन किया जा सकेगा। इससे जैविक खाद के रूप में भी पौधों को पोषण देने में यह सहायक होगी।
विशुद्ध से रूप गोबर से तैयार
श्री कृष्ण कामधेनु गौशाला के संचालक पं.सुदामा मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म में देशी गाय के गोबर को अत्यंत पवित्र एवं शुभ मना गया है। शास्त्र में भी आता है ‘गोमये वसते लक्ष्मी:’ अर्थात गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है । स्वच्छ भारत के तहत गौशाला द्वारा पिछले कई वर्षो से गौशाला परिवार द्वारा गोबर निर्मित गणेशजी की मूर्ति बनाई जा रही है। इस वर्ष भी मंगलमूर्ति श्री गणेश जी की बेहद ही सुंदर सुंदर प्रतिमाएं निर्मित की गई है। छोटे आकार की एक प्रतिमा को तैयार करने में दो से तीन दिन जबकि बड़े आकार की मूर्ति को अंतिम रूप देने में एक सप्ताह तक का समय लगता है। चूँकि गौशाला में ही गौमाता का प्रचुर मात्रा में गोबर उपलब्ध होता है, इसलिए विशुद्ध से रूप गोबर से ही मूर्तियों को तैयार किया जा रहा है।
जैविक खाद के रूप में भी उपयोगी
उन्होंने बताया कि विभिन्न आकार में निर्मित इन गणेश जी प्रतिमाओं की मांग रतलाम ही नहीं बल्कि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रान्तों में भी है। उन्होंने बताया कि बाजार में उपलब्ध पी.ओ.पी से निर्मित मूर्तियाँ जंहा विसर्जन के बाद प्रदूषण फैलाती है, वहीं यह भी देखने में आता है कि इनका थोकबंद विसर्जन जिस तरह से किया जाता है, उससे भक्तों की धार्मिक भावनाएं भी आहात होती है। इसी परेशानी को देखते हुए वहीं गोबर निर्मित मूर्तियां पर्यावरण सहायक (इको फ्रेंडली) है। पूजन के बाद इस मूर्ति को घर में रखे गमलों में भी विसर्जन कर सकते हैं। इससे जैविक खाद के रूप में भी पौधों को पोषण देने में सहायक है।
गोबर से बनी आकर्षक मूर्तियां लागत मूल्य पर रियायती दर पर मांगल्य मंदिर, सत्संग केंद्र, कलिका माता मंदिर ऋतुवन के सामने, न्यू फैशन दुकान, गली नंबर 4, कस्तुरबा नगर एवं चांदनी चौक स्थित हीरापन्ना ज्वेलर्स दुकान पर उपलब्ध है।