झमाझम बारिश : मध्यप्रदेश में आठ जिलों में अत्यधिक बारिश का रेड अलर्ट
⚫ हो सकती है 9 से 10 इंच बारिश
⚫ इंदौर का मौसम बिगड़ कलेक्टर ने की स्कूलों की छुट्टी
⚫ बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने से प्रदेश में कई दिनों तक होगी बारिश
हरमुद्दा
शुक्रवार 15 सितंबर । शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। इसके साथ ही मौसम विभाग ने शनिवार दोपहर तक कई जिलों के लिए चेतावनी का रेड अलर्ट जारी किया है। इनमें इंदौर, छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर और खरगोन जिले शामिल हैं। बंगाली की खाड़ी में बने सिस्टम की चलते अभी आगे भी कुछ दिनों तक प्रदेश में ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। रुक-रुककर बारिश का सिलसिला एक सप्ताह तक बना रह सकता है।
मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कई जिलों में बारिश हुई। इंदौर में शाम के समय तेज पानी गिरा तो रायसेन, नर्मदापुरम, खरगोन, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, हरदा और बैतूल जिले में भारी बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों में भी बादल बने रहे। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में जन जीवन प्रभावित हुआ।
इंदौर में बिगड़ा मौसम
इंदौर संभाग में तेज आंधी के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। इंदौर संभाग में अगले 24 घंटे तक तेज बारिश की आशंका है। बारिश को लेकर मालवा निमाड़ में येलो अलर्ट जारी किया गया था। राजधानी भोपाल में भी देर रात से ही लगातार बारिश हो रही है। शनिवार को भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्दे नजर जिला प्रशासन में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।
इन संभाग में बारिश होने के आसार
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आज भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं अति भारी बारिश भी हो सकती है। रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में मध्य स्तर की बारिश होने के आसार हैं।
कहां पर कितनी बारिश एक नजर
शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक पचमढ़ी में 146 मिमी यानी करीब छह इंच वर्षा हुई है, जो कि नौ घंटे में दर्ज की है। बैतूल में 89, नर्मदापुरम में 87, सिवनी में 65, छिंदवाड़ा में 55, भोपाल में 47, नरसिंहपुर में 38, रायसेन में 28, सागर में 27, इंदौर में 12, जबलपुर में 10.2, मलाजखंड एवं रतलाम में 10, सतना एवं सीधी में आठ, रीवा में सात, दमोह में छह, खंडवा में पांच, मंडला में चार, खजुराहो में 1.2, उज्जैन में एक, धार में 0.5, गुना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। धान की फसल के लिए बारिश अमृत बन गई है।