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कोर्ट का फैसला : यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के रिश्वतखोर शाखा प्रबंधक महेंद्र सिंह को 4 साल की सजा, 1000 का जुर्माना

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रिश्वत की शिकायत पर लोकायुक्त ने की थी कार्रवाई

लोन की राशि देने के एवज में 25000 की ली थी रिश्वत

रिश्वत की राशि दिलीप शर्मा उर्फ जोशी ने ली, जो दोष मुक्त हुआ

प्रकरण 4-5 साल पहले का

हरमुद्दा
रतलाम, 30 सितंबर। लोन की राशि स्वीकृत होने के बाद देने के लिए ₹25000 की रिश्वत लेने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया की नामली शाखा के प्रबंधक महेंद्र सिंह डेहरिया को भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायालय के न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने 4 साल की सजा सुनाई, वहीं ₹1000 के अर्थ दंड से दंडित किया। इस प्रकरण में अन्य आरोपी दिलीप शर्मा उर्फ जोशी को दोष मुक्त किया गया।

विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), कृष्णकांत चौहान ने हरमुद्दा को बताया कि विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 01/2019 में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता ने 30 सितंबर 2023 को फैसला सुनाया। आरोपी महेन्द्र सिंह डेहरिया तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, शाखा नामली जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 7 और 13(1)डी में दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 को 13(1)डी मे समाहित मानते हुए, बड़ी धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) एवं 120बी भादवि के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।

यह था प्रकरण

जिला अभियोजन अधिकारी गोविन्द प्रसाद घाटिया द्वारा बताया गया कि 16 फरवरी 2018 को आवेदक हिम्मतसिंह पिता रूपसिंह राजपूत निवासी गुवालखेडी, पोस्ट बरबोदना, तहसील व जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन आए। एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया।

यह लिखा था शिकायती आवेदन पत्र में

मेरे पिताजी रूपसिंह एवं मेरे पिताजी के भाई बलवंतसिंह तथा फूलसिंह के नाम से संयुक्त के.सी.सी. खाता यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा नामली जिला रतलाम में है। मेरे पिताजी रूपसिंह ने आचार्य विद्यासागर योजना के अंतर्गत पशुपालन के लोन के लिए पशु चिकित्सालय रतलाम में आवेदन किया था, वहां से 4,25,000/- रुपए सब्सिडी सहित लोन स्वीकृति होकर यूनियन बैंक आफ इण्डिया आ चुका है। जिसकी किश्त निकालने के लिए शाखा प्रबंधक महेन्द्र सिंह डेहरिया, शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा नामली से मिला तो उन्होने किश्त जारी करने के लिए मुझसे 25,000/- रुपए रिश्वत की मांग की है।

रिश्वत की पुष्टि के लिए हुई रिकॉर्डिंग की कार्रवाई

इस पर निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक हिम्मतसिंह को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी महेन्द्र सिंह डेहरिया, सह आरोपी दिलीप शर्मा और हिम्मतसिंह के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप कार्रवाई 17 फरवरी 2018 को यूनियन बैंक ऑफ़ इण्डिया, शाखा नामली जिला रतलाम में की गई। सहआरोपी दिलीप शर्मा को आवेदक हिम्मतसिंह राजपूत से 25,000/- रुपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक श्रीवास्तव के द्वारा ट्रेप किया गया।

शाखा प्रबंधक डेहरी आने किया इशारा राशि शर्मा को देने का

आवेदक हिम्मतसिंह ने निरीक्षक श्रीवास्तव को बताया कि वह बैंक के अंदर गया था, बैंक मैनेजर से मिला तो उन्होने हाथ से इशारा करके दिलीप शर्मा उर्फ जोशी को रुपए देने को कहा। इस पर वह दिलीप शर्मा के साथ बैंक से बाहर आया और दिलीप शर्मा उर्फ जोशी को रिश्वत के रुपए दे दिए। पंच विमल कुमार सूर्यवंशी ने सहआरोपी दिलीप शर्मा उर्फ जोशी से रिश्वत की राशि के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मैने महेन्द्र सिंह डेहरिया के कहने पर हिम्मतसिंह से 25,000/- रुपए लेकर अपनी पहिनी हुई ब्लू कलर की जींस की पेंट की पीछे की दाहीनी जेब में रखे है।

रुपए वही निकले जो लोकायुक्त कार्यालय ने दिए थे

पंच श्री सूर्यवंशी ने सहआरोपी दिलीप शर्मा उर्फ जोशी की पहिनी हुई ब्लू कलर की जींस की पेंट की पीछे की दाहिनी जेब में से रिश्वत के रुपए निकाले और गिनी तो 25,000 थे। इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक की जेब में रखवाए गए थे। मौके पर सहआरोपी दिलीप शर्मा के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।
 

विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया प्रकरण

विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र 15 अक्टूबर 2019 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी महेन्द्र सिंह डेहरिया तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, शाखा नामली जिला रतलाम को दोषसिद्ध किया गया। एक अन्य आरोपी दिलीप शर्मा पिता लादूराम शर्मा उम्र 64 वर्ष विशेष सहायक (क्लर्क) यूनियन बैंक आफ इण्डिया को दोषमुक्त कर दिया गया। शासन की ओर से पैरवी कृष्णकांत चौहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा की गई है।

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