धर्म संस्कृति : इंडिकेशन इज अवर एजुकेशन
⚫ आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा ने कहा
⚫ छोटू भाई की बगीची में प्रवचन
हरमुद्दा
रतलाम,11 अक्टूबर। जीवन में संकेतों का अति महत्व है। संकेतं सत्य को समझा देता है। संकेत हमे आश्वस्त करते है, आशा देते है, आत्म विश्वास जगाते है। संकेत समझने वाले को समझदार कहते है। ये हमारे लिए शिक्षाप्रद होते है, इसीलिए कहा गया है कि इंडिकेशन इज अवर एजुकेशन
यह बात परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा ने चातुर्मासिक प्रवचन में कही। छोटू भाई की बगीची में देश के विभिन्न स्थानों से आए धर्मालुजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को बडे संकेत देते है, तो सांसारियों को संतों द्वारा संकेत दिए जाते है। संकेत समझने वाला कभी उलझन में नहीं पडता, अपितु उलझी हुई बातों को भी सुलझा लेता है।
आचार्यश्री ने बताया कि चार प्रकारों के संकेत जीवन में महत्वपूर्ण है। दर्द एक संकेत है कि आप जिंदा है। समस्या एक संकेत है कि आप मजबूत है। दोस्त और परिवार ये संकेत है कि आप अकेले नहीं है और धर्म और पुण्य इस बात के संकेत है कि आप भटकने वाले नहीं है। मनुष्य को इन संकेतों को समझना चाहिए और इनका पूरा फायदा उठाना चाहिए। संतों के संकेत को समझने वाले यहां-वहां सर्वत्र सुखी एवं सफल हुए है।
धर्म की वास्तविक व्याख्या
आरंभ में उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनिजी मसा ने आचारंग सूत्र के माध्यम से धर्म को द्वीप, गति, प्राण और प्रतिष्ठा के रूप में निरूपित करते हुए धर्म की वास्तविक व्याख्या की। महासती श्री इन्दुप्रभाजी मसा ने आचार्यश्री से 24 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। धर्मसभा में दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, गंगाशहर, ब्यावर, अजमेर आदि स्थानांे से आए धर्मालुजन उपस्थित रहे। संचालन हर्षित कांठेड द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय जाप दिवस से शुरू होगा गुरू सप्ताह महोत्सव
परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा के 65 वे जन्म दिवस एवं साधुश्रेष्ठ श्री पारस मुनिजी मसा तथा मुनिश्रेष्ठ श्री प्रेममुनि जी मसा के 58 वे दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री हुक्म गच्छीय साधुमार्गी शांत-क्रांति जैन श्रावक संघ 12 से 18 अक्टूबर तक गुरू सप्ताह महोत्सव मना रहा है। इसकी शुरूवात 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय जाप दिवस मनाकर की जाएगी। 13 अक्टूबर को राष्ट्रीय आराधना दिवस, 14 को राष्ट्रीय दया व संवर दिवस, 15 को राष्ट्रीय अनुकम्पा दिवस, 16 को राष्ट्रीय स्वाध्याय दिवस एवं 17 अक्टूबर को प्रेरणा की पहल का आयोजन होगा। 18 अक्टूबर को आचार्यश्री के जन्म दिवस पर सामायिक एवं एकाशना दिवस के रूप में समापन होगा। अभा साधुमार्गी शांतक्रांति जैन युवा संघ ने समाजजनों से अधिक से अधिक सहभागिता करने का आव्हान किया है।