आत्म कल्याण के लिए संतों का सान्निध्य बेहद जरूरी: राष्ट्रसंत आचार्य श्री अशोक सागर सूरीजी मसा.

हरमुद्दा
रतलाम, 9 जुलाई। आज की शिक्षा व्यक्ति को ज्ञानवान बनाती है। युवा जानकारी से परिपूर्ण होता है। जीवन का विकास करता है, किंतु आत्म कल्याण के लिए वह कुछ भी नहीं करता है। जीवन में आत्म कल्याण के लिए संतों के सान्निध्य बेहद जरूरी है, तभी मोक्ष प्राप्ति संभव है।

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यह विचार राष्ट्रसंत आचार्य श्री अशोक सागर सूरीजी मसा. ने व्यक्त किए। धर्मसभा को संबोधित करने से पूर्व आचार्य श्री का तेजानगर स्थित महावीर धाम में मंगल प्रवेश हुआ। इस दौरान कनकमल सोनी, अशोक भाणावत, शैलेंद्र मांडोत, रवि पगारिया, समरथमल जैन, राजेश सुराणा, सुनील मूणत, अंकुर जैन, आदि उपस्थित थे। अमरपाल पगारिया के निवास पर नवकारसी हुई। संचालन पीयूष भटेवरा ने किया। आभार गणतंत्र मेहता ने माना।

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