हादसा : कांग्रेस नेता और सर्राफा व्यापारी मनोज शर्मा का पक्का तीन मंजिला मकान गिरा भर भराकर, बुजुर्ग माता-पिता बचे बाल बाल
⚫ हादसा हुआ चौड़ावास में
⚫ तीन मकान भी आए चपेट में
⚫ सूचना मिलते ही नगर निगम अमला मौके पर पहुंचा और मलबा हटाने का कार्य किया शुरू
⚫ मंदिर सुरक्षित भगवान का, मलबा मंदिर पर गिरा
हरमुद्दा
रतलाम, 19 अक्टूबर। कांग्रेस नेता और सर्राफा व्यापारी मनोज शर्मा व प्रकाश शर्मा का चौड़ावास स्थित तीन मंजिल मकान गुरुवार की दोपहर भर भरा कर गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के दौरान उनके बुजुर्ग माता-पिता बाहर ही निकले थे, वह बाल बाल बचे। सूचना मिलने पर नगर निगम मामला भी मौके पर पहुंच। मलबा हटाकर आवागमन सुचारु करने के लिए कार्य शुरू किया।।इस दौरान काफी भीड़ जमा हो गई।
गुरुवार को दोपहर करीब 2:30 बजे समाजसेवी मनोज तथा प्रकाश शर्मा की माताजी मोहनदेवी पति बाबूलाल जी शर्मा का मकान भर भरा कर गिर गया। पास में सरोज देवी पति रमेश चंद शर्मा का मकान पिछले 6 महीने से निर्माण के लिए तोड़ा गया था। नीचे झिरी खोदी जा रही थी, खुदाई के दौरान शर्मा जी के मकान में गड्ढा हो गया तो, मोहन देवी बाहर आकर मजदूरों को बोलने आई कि ध्यान से खुदाई करो। अंदर धूल आ रही। गड्ढा हो गया है। इसी दौरान बाबूलाल जी भी बाहर आए। तभी मकान भर भरा कर गिर गया। उन्होंने भाग कर जान बचाई। दोनों बुजुर्ग के रो रो कर बुरा हाल हैं। सभी परिवार जन सदमे में आ गए कि अचानक क्या हो गया। जबकि पड़ोस में मकान बनाने वाले को कहा था कि बारिश का समय है। हिसाब से खुदाई करो। मजदूर भी जान बचाकर भागे।
सूचना मिलते ही चांदनी चौक स्थित गणेश मार्केट में दुकान से मनोज शर्मा तथा प्रकाश शर्मा आए। पूरा परिवार सदमें आ गया। तीन मंजिले मकान में घर गृहस्थी का पूरा सामान दब गया। सूचना मिलने पर नगर निगम का मामला मौके पर पहुंचा। जेसीबी के माध्यम से मलबा दूर किया गया। इस दौरान नगर निगम में पार्षद विशाल शर्मा पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान नगर निगम के कर्मचारी पास के भवन पर बोर्ड लगाते हुए भी नजर आए कि भवन निवास योग्य नहीं है। इसके पहले नगर निगम की भी नींद नहीं खुली थी।
नगर निगम इंजीनियर देते रहे सफाई
मौके पर नगर निगम इंजीनियर पाटीदार भी पहुंचे। श्री शर्मा से उनका कहना था कि पूरे मकान की परमिशन थी। लेकिन मकान 56 नंबर का गिरा है जबकि मकान का निर्माण के लिए एक नंबर का हो रहा था, उसको बारिश के पहले तोड़ा गया था। मोहन देवी के मकान के जमीदोज होने के साथ ही साथ ही मामा घोसी, सलीम भाई का भी मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। खास बात यह भी रहेगी। मकान का मलबा बाहर भेरुजी के मंदिर पर भी गिरा मगर मंदिर सुरक्षित रहा। श्री शर्मा के पीछे के मकान वाले एक किराएदार तीन दिन पहले ही मकान खाली करके गए थे। वे भी मकान में होते तो कई की जान भी जा सकती थी।