सर्दी का सितम : मावठा, बारिश और ठंड के चलते स्कूली बच्चे परेशान, आदेश के बाद इतिश्री, निरीक्षण करने नहीं पहुंच रहे जिम्मेदार
⚫ अभिभावक की बढ़ी चिंता
⚫ बड़े बच्चों की सेहत ना हो जाए प्रभावित
⚫ सभी स्कूली बच्चों का समय होना चाहिए 9 बजे के बाद
⚫ आदेश के बाद निरीक्षण की जरूरत नहीं समझ रहे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार
⚫ कई प्राथमिक विद्यालय अभी भी शुरू हो रहे है सुबह 7:30 बजे
⚫ आठवीं कक्षा तक के बच्चों का घोषित हो अवकाश
हरमुद्दा
रतलाम, 1 दिसंबर। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने भले ही पांचवी तक कक्षा में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के स्कूल संचालक के समय में परिवर्तन कर दिया है, मगर मावठा, बारिश और ठंड के चलते सभी स्कूली बच्चे परेशान हैं। उन्हें भी राहत वाला आदेश मिलना चाहिए, ऐसा अभिभावक और बच्चे चाहते हैं। सर्दी का सितम तो उन बच्चों को भी सता रहा है। इसके साथ ही यह भी अपेक्षा है कि 9 बजे संचालित होने वाले स्कूल आदेश के परिपेक्ष में निरीक्षण भी किया जाए कि कौन से विद्यालय आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही रतलाम में भी शासकीय अशासकीय तथा सीबीएसई स्कूलों में पांचवी तक की कक्षाओं के संचालन के समय में कलेक्टर के आदेश से 9 से कक्षाओं का संचालन के आदेश दिए गए हैं मगर शहर सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन अपने तय समय पर ही हो रहा है, कलेक्टर के आदेश को पलीता लगा रहे हैं
स्कूल संचालकों की मनमानी छोटे बच्चे परेशान
स्कूल संचालक मनमानी कर रहे हैं। उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी सुबह स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। इसके चलते छोटे-छोटे बच्चों को भी ठंड का सितम झेलना पड़ रहा है। पांचवी तक के स्कूल भी सुबह 7:30 बजे चल रहे हैं। अभिभावक रुस्तम भाई ने बताया कि प्राइवेट स्कूल वालों की मनमानी अभी भी चल रही है। बिगड़े हुए मौसम में भी पांचवी तक के बच्चों को भी सुबह जल्दी स्कूल बुलाया जा रहा है। इसके चलते उनकी सेहत प्रभावित हो सकती है।
हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में होना चाहिए समय परिवर्तन
इसके साथ ही वह अभिभावक भी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं जिनके बच्चे पांचवीं से बड़ी कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। उन बच्चे की सेहत उनकी भी कमजोर होगी ही इसलिए अभिभावक आरती उपाध्याय, वृत्तिका त्रिपाठी, नगमा खान सहित अन्य का कहना है कि प्रशासन को हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों के समय में परिवर्तन करना चाहिए, ताकि बच्चों की सेहत पर विपरीत असर न पड़े। बड़े बच्चे भी सुनते नहीं है और फैशन के चलते स्वेटर और टोपा नहीं पहनते हैं। इसलिए स्कूलों के संचालन का समय 9 बजे बाद होगा तो ही उनकी भी सेहत बनी रहेगी।
आठवीं तक के स्कूलों में हो अवकाश घोषित
अभिभावक सुनील शर्मा का कहना है कि मावठा, सर्दी और बारिश के चलते आठवीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित करना चाहिए ताकि बच्चे बिगड़े हुए मौसम में स्वस्थ रहें घर पर रहे। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों के संचालन समय में भी परिवर्तन करें, ताकि वह बच्चे भी अपनी सेहत को लेकर सुरक्षित रहें। अधिकांश शासकीय, अशासकीय, सीबीएसई हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों का समय सुबह 7.30 बजे से ही शुरू होने का है। ऐसे में वे बच्चे भी परेशान होते हैं। अतः इन सभी स्कूलों का संचालन समय भी 9 बजे के बाद होना चाहिए।