आंखों देखी : मतगणना के लिए अमला तैयार, करते रहे मॉक ड्रिल का इंतजार, पिंडोला करके चले गए जिम्मेदार
⚫ मतगणना स्थल परिसर में पुलिस अधीक्षक आए 12:08 पर
⚫ कलेक्टर का आगमन हुआ 12:32 पर
⚫ दोनों रवाना हो गए 12:48 पर
⚫ कर्मचारी व्यस्त रहे अपने-अपने कार्य में
हरमुद्दा
रतलाम, 2 दिसंबर। जितनी जिज्ञासा उम्मीदवार और मतदाताओं को परिणाम जानने की है, उतने ही उत्सुक मतगणना में लगे कर्मचारी हैं। जिन मतगणना कर्मियों की ड्यूटी लगी है, उनको पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है और आज उन्हें अपने स्थान की जानकारी मॉक ड्रिल द्वारा देना थी। मॉक ड्रिल के लिए सभी इंतजार करते रह गए और जिम्मेदार चले गए। मतगणना कार्य में लगे कुछ कर्मचारियों को मालवी भी आती है इसलिए किसी ने कहा कि साहब तो पिंडोला करके चले गए।
शनिवार को मतगणना स्थल पर रिटर्निंग अधिकारी अपने-अपने कार्य में थे। मतगणना कक्ष क्रमांक 9 विधानसभा क्रमांक 220 रतलाम शहर में रिटर्निग ऑफिसर संजीव केशव पांडे पूर्व तैयारी में तल्लीन नजर आए। उनका कहना था कि सभी वर्कपहले कर लिया जाए, ताकि बाद में परेशानी ना हो कुछ छूट न जाए। उनके अधीनस्थ कर्मचारी कंप्यूटर पर कार्य में व्यस्त रहे।
जानकारी देने वाले जहां जगह मिल रही थी, वहां अपने अधीनस्थों को जानकारी दे रहे थे। वहीं मतगणना कर्मियों को एक रूम में भी अंतिम दौर का प्रशिक्षण प्रोफेसर सौरभ लाल द्वारा दिया जा रहा था।
12:08 पर आए पुलिस अधीक्षक
मतगणना स्थल पुलिस कर्मियों का दल में मेटल डिटेक्टर के साथ आया। विधानसभा वार वे मेटल डिटेक्टर लेकर रास्ते पर तैनात हो गए। इसमें से एक मेटल डिटेक्टर के अस्ति पंजर उसके केश से बाहर झांक रहे थे।
इसके साथ ही मतगणना कक्ष के बाहर तैनात होने वाले पुलिसकर्मी भी आने लगे। 12:08 पर पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा आए, जिनके साथ एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी अभिनव कुमार बारंगे सहित अन्य थे। मेटल डिटेक्टर के साथ दल एसपी साहब से निर्देश मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
और वह किसी जरूरी फोन पर व्यस्त थे। श्री लोढ़ा कुछ समय पश्चात पुनः मतगणना स्थल के मुख्य द्वार की तरफ आए। चर्चा की और गाड़ी की तरफ बढ़ गए। फिर कुछ याद आया और मतगणना भवन के अंदर आए। जहां पर एसपी, एएसपी और सीएसपी चर्चारत रहे। काफी समय तक चर्चा चलती रही।
12:33 पर कलेक्टर भास्कर लक्षकार का फोन एसपी साहब के पास आया। जानकारी ले रहे थे कि आखिर वह कहां पर हैं? जबकि जिस तरफ कलेक्टर साहब आ रहे थे, उसके दूसरी तरफ एसपी साहब खड़े थे वह पूरे 180 डिग्री पर घूमें और कलेक्टर साहब नजर आए।
13 मिनट तक होती रही चर्चा
विधानसभा क्रमांक 221 सैलाना मतगणना कक्ष के बाहर कलेक्टर एसपी चर्चारत रहे। इस दौरान एसडीएम श्री पांडे, एएसपी, सीएसपी भी मौजूद रहे। 12:46 पर चर्चा संपन्न हुई और पुनः मतगणना स्थल से बाहर आए और चर्चा करते हुए 12:48 पर रवाना हो गए।
लगभग 1:00 बजे एडीएम और उप जिला निर्वाचन अधिकारी की गाड़ी मतगणना केंद्र की ओर आई। मॉक ड्रिल की उम्मीद में कर्मचारी खड़े रहे लेकिन ऐसा कुछ प्रयोजन हुआ नहीं।
यह होता है मॉक ड्रिल में
मतगणना के पूर्व मॉक ड्रिल इसलिए की जाती है ताकि मतगणना कार्य में लगे कर्मचारियों को वास्तविक स्थिति का पता चल सके कि उन्हें कैसे और क्या करना है? मतगणना के दौरान कुछ भी गड़बड़ ना हो, सभी कार्य व्यवस्थित रहे। सभी एक बार अभ्यस्त हो जाए ताकि किसी भी स्तर पर परेशानी ना हो।