कोर्ट का फैसला : आरोग्य धन वर्षा और एलिट लिमिटेड के डायरेक्टर राजेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, धर्मेंद्र सिंह व बगदीराम को 6 वर्ष की सजा

मामला करीब साढ़े छह वर्ष पुराना

निवेशकों को दिया था रुपया डबल करने का झांसा

रुपए देने की बारी आए तो कंपनी बंद करके भाग गए डायरेक्टर

हरमुद्दा
रतलाम, 21 दिसंबर। निवेशकों का रुपया डबल करने का झांसा देकर उनके रुपए हड़पने वाली कंपनी आरोग्य धनवर्षा एन्ड एलीट लिमिटेड के डायरेक्टरो सजा सुनाई गई। आरोपी रघुवीर सिंह, राजेंद्र सिंह ,जगदीश चंद्र व्यास, धर्मेंद्र सिंह व बगदीराम को तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा धारा 420 भादवि के तहत 6 वर्ष के कारावास एवं ₹1000 के अर्थ दंड तथा धारा 6 मध्य प्रदेश निक्षेप के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत 6 वर्ष का कारावास एवं ₹10000 की जुर्माने से दंडित किया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान


अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि दिनांक 1 जून 2017 को आवेदक मांगीलाल पिता निर्भय राम धाकड़ निवासी करवा खेड़ी थाना ताल जिला रतलाम द्वारा इस आशय की रिपोर्ट की की वर्ष 2011 के जनवरी-फरवरी माह में आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स एंड एलिट लिमिटेड के संचालक राजेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, रघुवीर सिंह, धर्मेंद्र सिंह सोनगरा, ग्राम करवा खेड़ी में आए और गांव में घूम फिर कर गांव वालों को अधिक ब्याज अधिक लाभ का प्रलोभन देकर अधिक से अधिक रुपया उनकी आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स एलिट लिमिटेड कंपनी में जमा करने हेतु बताया था।

रुपए देने की बारी आए तो कंपनी बंद करके भाग गए डायरेक्टर

गांव वालों द्वारा कंपनी के लोगों के द्वारा दिए गए लालच में आकर बहुत से ग्रामीणों द्वारा अपनी कंपनी में अपनी मेहनत की कमाई को निवेश किया था परंतु परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के पूर्व ही सभी डायरेक्टर कंपनी बंद करके भाग गए जिसकी शिकायत फरियादी द्वारा पुलिस थाना ताल पर की गई थी जिसकी रिपोर्ट पर थाना तालल पर अपराध क्रमांक 159 / 17 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी जहां से पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपियों उनके विरुद्ध न्यायालय में धारा 467, 468, 471 व धारा 3, 6 मध्य प्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

प्रकरण प्रस्तुत किया न्यायालय में

तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वर्मा के न्यायालय में प्रकरण का विचारण किया गया, जहां पर अभियोजन द्वारा अपनी साक्ष्य एवं दस्तावेजों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के साक्ष्य एवं दस्तावेजों से सहमत होकर न्यायालय ने सजा सुनाई और दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोकअभियोजक संजीव सिंह चौहान ने की।

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