सामाजिक सरोकार : सत्कर्मों से संस्कारों का संचार करने वाले होते हैं विरले
⚫ गुणानुवाद सभा में स्मरण कर पुस्तक का किया विमोचन
हरमुद्दा
रतलाम, 18 जनवरी। संस्कारों से ही व्यक्ति चरित्रवान बनता है । संस्कारों का संचार सत्कर्मों से होता है। व्यक्ति के बाद उसके सत्कर्म और उसका व्यवहार ही उसके सफल जीवन की गवाही देता है। मातु श्री उषा देवी बोथरा ने भी अपने सत्कर्मों से संस्कारों की एक बड़ी रेखा खींची थी जो सभी के लिए प्रेरणादायी है।
यह विचार नेत्रदानी ऊषा देवी बोथरा की स्मृति में आयोजित गुणानुवाद सभा में वक्ताओं ने व्यक्त किए। बुद्धेश्वर सत्संग हॉल पर आयोजित गुणानुवाद सभा में प्रो. बी.एल. बोथरा की धर्मसहायिका ऊषा देवी बोथरा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण किया गया। गुणानुवाद सभा में जैन दिवाकर श्री संघ के महेंद्र बोथरा, साधु मार्गी श्रावक संघ के प्रकाश बोहरा, पूर्व विधायक पारस सकलेचा, समाजसेवी सुभाष जैन, साहित्यकार आशीष दशोत्तर, मध्य प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, महापौर सहित विभिन्न संस्थाओं से उपस्थितजनों ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर ऊषा देवी बोथरा की स्मृति में प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। सभा में विभिन्न श्री संघों के पदाधिकारी, परिजन मौजूद रहे।