फैसला : सरपंच छगन और सचिव राजेंद्र ने किया शौचालय निर्माण की राशि का गबन, कोर्ट ने सुनाई 8-8 साल की सजा
⚫ 5000 का लगाया जुर्माना भी
⚫ मामला 2016 का
⚫ 218 शौचालय का होना था निर्माण
⚫ केवल हुआ दो शौचालय का निर्माण
हरमुद्दा
रतलाम 12 फरवरी। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 218 शौचालय निर्माण होना था मगर केवल दो शौचालय का ही निर्माण सरपंच सचिव ने करवाया। शेष राशि का गबन कर लिया। दोस्त सिद्ध होने पर सरपंच छगन देवड़ा व सचिव राजेंद्र झोड़िया को न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने 8-8 वर्ष का कारावास एवं 5000 जुर्माने की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया कि वर्ष 2016 में जनपद पंचायत बाजना ब्लॉक समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन के नाथू सिंह आवासीय द्वारा एक लेखी आवेदन शिवगढ़ थाने पर इस आशय का पेश किया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु ग्राम पंचायत मनासा को चेक के माध्यम से शौचालय निर्माण हेतु प्रति हितग्राही 4600 के मान से बीपीएल परिवार के हितग्राहियों के 218 शौचालय निर्माण की राशि 21 जनवरी 2014 को जनपद पंचायत बजाना सीईओ द्वारा 10,02800/ रुपए का चेक ग्राम पंचायत मनासा के तत्कालीन सरपंच छगन देवदा को दिया था। इस राशि में से केवल दो शौचालय का निर्माण किया गया। शेष राशि 9,93,600/ पंचायत मनासा के तत्कालीन सचिव राजेंद्र झोडिया तथा सरपंच छगन देवदा द्वारा राशि आहरण कर ली गई। परंतु शौचालय निर्माण न किया जाकर सीधे राशि गबन कर ली गई ।
शेष राशि भी आरोपियों ने उपलब्ध नहीं कराई
ग्राम पंचायत में शेष पड़ी राशि जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी बाजना के नाम से डीडी बनाकर टी एस सी विभाग को उपलब्ध कराना थी, वह नहीं कराई गई आरोपियों के विरुद्ध पुलिस थाना शिवगढ़ पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई थी जिसमें अनुसंधान के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा
तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा के न्यायालय में प्रकरण का विचारण किया गया। अभियोजन द्वारा अपने साक्ष्य एवं तर्क न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। अभियोजन के तर्कों एवं प्रस्तुत साक्ष्य से न्यायालय द्वारा आरोपी राजेंद्र पिता बाबूलाल झोडिया निवासी छावनी झोडिया थाना शिवगढ़ जिला रतलाम तथा छगन पिता नाहरिंग देवड़ा निवासी ग्राम मनासा थाना शिवगढ़ जिला रतलाम को धारा 409/34 भादवी में दोषसिद्ध पाया। दोनों को 8-8 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच ₹5000 के अर्थ दंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।