अपना ही निकला हत्यारा : जिसे न केवल अपना बेटा माना अपितु बहू का हाथ भी उसके हाथ में दे दिया, घर में पनाह दी, उसी ने घर के लिए उतार दिया मौत के घाट

मामला 80 वर्षीय वृद्धा भूरी बाई की हत्या का

पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पकड़ लिया हत्यारे को

पुलिस को नहीं मिले जेवर और रुपए

हरमुद्दा
रतलाम, 4 मार्च। रविवार को मोती नगर में 80 वर्षीय वृद्ध भूरी बाई का शव घर में मिला था, उसके हत्यारे तक पुलिस 24 घंटे के भीतरी पहुंच गई। हत्यारे ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया है। अपने बेटे की मौत के बाद बहू का हाथ जिसके हाथ में दिया। उसे न केवल बेटा माना अपितु उसे अपने घर में पनाह भी दी मगर उसी ने घर के लिए भूरी बाई को मौत के घाट उतार दिया।

पत्रकारों को जानकारी देते हैं पुलिस अधीक्षक

सोमवार दोपहर में प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि हत्यारे की घर पकड़ के लिए एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी अभिनव कुमार वारंगे दीनदयाल नगर थाना प्रभारी दिनेश कुमार मोजक को टीम गठित कर हत्यारे की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

मृतक भूरी बाई

बहू का पति ही निकला हत्यारा

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्यारा वीरसिंह उर्फ वीरजी पिता हेमा भाभर निवासी केदारगढ़ थाना सैलाना, हाल मुकाम शंकरगढ़ रतलाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उल्लेखनीय की भूरी बाई ने अपने बेटे दिनेश उर्फ भूरिया की मौत के बाद वीरजी से बहू सोहन भाई की शादी करवाई थी। और उसे अपने घर में पनाह भी दी। वीरजी कोई काम धाम नहीं करता था।  इस कारण आए दिन घर में झगड़ा भी होता था। इसी के चलते कुछ माह पहले ही भूरी बाई ने वीर जी और सोहन को घर से निकाल दिया था। वीर जी सोहन बाई के साथ मोती नगर के पास में ही किराए का कमरा लेकर शंकरगढ़ में रहने लगा। घर से निकालने की रंजिश के चलते और घर हथियाने के चक्कर में शनिवार रविवार दरमियां ने रात नशे में वीर जी ने भूरी बाई पर जालाऊ लकड़ी से हमला कर दिया और मौत के घाट उतार दिया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है मगर पुलिस को आरोपी के पास से भूरी बाई के चांदी के जेवर और रुपए नहीं मिले हैं। इसके अलावा यह भी बताया गया कि इस हत्याकांड में बहु सोहन बाई का कोई हाथ नहीं है।

इनकी रही सराहनीय भूमिका

आरोपी को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी दीनदयाल नगर  दिनेश कुमार भोजक, उप निरीक्षक शांतिलाल चौहान, देवीलाल पाटीदार, के. के. पटेल,  कान्तिलाल सोनार्थी, सब उप निरीक्षक दिनेश कुमार मावी, मुरली मकवाना, के. एल. रजक, प्रधान आरक्षक शमशुद्दीन शेख, अर्चना बाथरी, जगदीश चन्द,  आरक्षक, रोशनलाल राठौर, जितेन्द्र शक्तावत, संजय कुशवाह, गोपाल आंजना, संदीप कुमावत, दीपक सिह, सुनील राठौड, नरेन्द्र मुनिया, नवीनसिह चौहान, रावजी गणावा तथा सायबर सेल रतलाम के  मनमोहनसिंह, विपुल भावसार एवं थाना दीनदयाल नगर टीम का सराहनीय भूमिका रही।

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