सामाजिक सरोकार : सामाजिक, राजनीतिक एवं पारिवारिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एलुमनी वुमन्स की हुई रैंप वॉक
⚫ गुजराती आर्ट एंड लॉ कॉलेज एलुमनी ग्रुप द्वारा आयोजन
⚫ राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता से लेकर हॉउस वाइफ तक कुल 18 महिलाएं हुई सम्मानित
हरमुद्दा
इंदौर, 6 मार्च। गुजराती आर्ट एंड लॉ कॉलेज एलुमनी ग्रुप द्वारा अपने साथ पढ़ चुकी उन महिलाओं को वुमन्स डे के उपलक्ष्य में एलुमनी सम्मान प्रदान किया गया जो कि आज सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक क्षेत्रो में अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
यह जानकारी देते हुए एलुमनी संयोजक प्रवीण नागदिवे ने हरमुद्दा को बताया कि जिन को सम्मानित किया गया, उनमें राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता से लेकर हॉउस वाइफ तक कुल 18 महिलाएं शामिल रही इनमें प्रमुख रूप से रिंकू तिवारी इमिग्रेशन ऑफिसर, डॉ. अर्चना करंदीकर प्राध्यापक, सुमोना शर्मा, जीएसटी सेवी, अर्चना रजक टीचर, आशा पाटिल और परवीन मेहरा राजनीति, ममता शर्मा मनीषा छपरवाल अंजुम पारिख सोशल वर्कर, मनीषा नागदिवे TV सीरियल निर्माण, बबीता वर्मा सर्विस, स्वाती मोहिते बिजनेस वुमन, जया महाडिक भारती तिवारी आभा भंडारी हाऊस वाईफ, शीला कैथवास टीचर, रेखा अब्राहम शिक्षाविद, नीरू खुराना आयुर्वेद चिकित्सक शामिल रहीं।
खासियत जानकर खुश हुए
एलुमनी में यह पहली बार हुआ कि सभी 18 महिलाओं का परिचय अलग अलग 18 पूर्व छात्रों द्वारा दिया गया जिसे सभी ने सराहा । परिचय से जहाँ लड़कियों की विशेष उपलब्धियों से एलुमनी अवगत हुए वहीं उनकी ख़ासियतों के बारे में जानकर खुश भी हुए।
बनी रही उत्सुकता
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरआत रैम्प वॉक से हुई जिसमें साड़ी राउंड जबरदस्त रहा सभी खूबसूरत लड़कियों ने माहौल बना दिया। दूसरा राउंड पर्ची राउंड था जिसमें लड़कियों को बाउल में लड़को के नाम की पर्चियों में से 2 पर्चियां उठानी थी उसमें से एक पर्ची के नाम वाले व्यक्ति के साथ वॉक करनी थी। इसमे किसका नाम खुलेगा, इसकी उत्सुकता बनी रही इसके चलते ये राउंड बहुत एक्सक्लुसिव बना रहा।
इनका रहा सक्रिय सहयोग
इस अवसर पर सभी लड़कियों को ग्रुप के सीनियर्स कुलदीप सिंह पवार, प्रवीण नागदिवे, नीरज अब्राहम, सुनील परिहार द्वारा स्मृति चिह्न भी प्रदान किए गए। प्रोग्राम में अंताक्षरी का आयोजन अर्चना करंदीकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सोनू भाटिया सुनील गुप्ता जितेंद्र गुप्ता जगदीश पटेल गोपाल बोरासी, मनोज नामदेव का विशेष योगदान रहा। आभार नीरज अब्राहम ने माना।