ऐसा हुआ आधी रात को : परिजनों को आश्वासन देकर समझाया, इसके बाद उतारा गया पिता का शव फांसी के फंदे से

बेटी के लापता होने से था परेशान

पुलिस का नहीं मिला सकारात्मक सहयोग

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अप्रैल। नाबालिग बेटी लापता हो गई थी। पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, मगर पुलिस में सकारात्मक सहयोग नहीं किया। इसके चलते परेशान पिता ने मौत को गले लगा लिया और फांसी के फंदे पर झूल गया। पुलिस द्वारा काफी समझाया और मिन्नत की। इसके बाद आधी रात को पेड़ से शव उतारा गया।

यह घटना है जावरा के कालूखेड़ा थाना के तहत आने वाले गांव मावता के समीप रानीगांव की। रानीगांव के निवासी 40 वर्षीय रामगोपाल पिता गंगाराम सासरी में रविवार को पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

परिजनों ग्रामवासी हो गए आक्रोशित

परिजनों के बाद पुलिस को पता चला। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतरने लगे तो परिजन और ग्रामवासी आक्रोशित हो गए। सभी का कहना था कि रामगोपाल की नाबालिक बेटी लापता हुई, जिसकी रिपोर्ट मावता चौकी पर 8 मार्च को की गई थी, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं।  इस मामले में संदेहियों के नाम भी बताए गए थे मगर पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाई। बेटी के नहीं मिलने और संदेही पक्ष के लोग भी रामगोपाल को परेशान कर रहे थे। इससे दुखी होकर रामगोपाल ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

मावता चौकी प्रभारी पर कार्रवाई की मांग

शव नहीं उतारने देने व स्वजनों के आक्रोश को देखते हुए सीएसपी दुर्गेश आर्मों, कालूखेड़ा थाना प्रभारी संतोष चौरसिया ने मौके पर पहुंचकर स्वजन को समझाने की कोशिश की। इस दौरान सभी ने मावता पुलिस चौकी पर गुमशुदगी की सूचना देने के बाद भी बेटी को ढूंढकर लाने की कार्रवाई नहीं पर मावता चौकी प्रभारी दिनेश सिंह भदौरिया पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस द्वारा मौके पर परिजन तथा ग्राम वासियों को काफी समझाया गया कि हम उनकी बेटी को ढूंढ कर लेंगे और जो भी आरोपी है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतनी सी बात समझने में पुलिस को काफी वक्त लग गया तकरीबन 12:30 बजे शव को फंदे से उतारा गया।

दो को किया गिरफ्तार

मामले में जिन दो लोगों पर शंका जताई गई थी, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिसकर्मी की लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

दुर्गेश आर्मों, सीएसपी, जावरा

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