“बिन मांगे मोती मिले” की कहावत चरितार्थ हुई जनसुनवाई में
हरमुद्दा
शाजापुर, 24 जुलाई। माखनसिंह जनसुनवाई में आए तो थे अपनी अन्य समस्याओं के समाधान के लिए लेकिन उनकी शारीरिक दुर्बलता को देखते हुए कलेक्टर डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने वृद्धजनों के उपयोगी स्टील की छड़ी प्रदान की। इस तरह जनसुनवाई में “बिन मांगे मोती मिले” की कहावत चरितार्थ हुई। क्योंकि माखनसिंह ने कभी छड़ी की मांग की ही नहीं थी, किन्तु उन्हें बिना मांगे ही छड़ी प्राप्त हो गई।
जनसुनवाई में आए गुलाना तहसील के ग्राम कोहड़िया निवासी माखनसिंह ने कलेक्टर डॉ. रावत को अपनी व्यक्तिगत परेशानियों से अवगत कराया।
इस दौरान कलेक्टर ने देखा की वृद्ध माखनसिंह एक पतली सी बांस की डंडी के सहारे कप-कपाते हुए खड़े होकर अपनी समस्या से अवगत करा रहे हैं। उनसे यह देखा नहीं गया और उन्होंने तुरंत सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को वृद्धजनों को दी जाने वाली छड़ी लाकर प्रदान करने के निर्देश दिए। छड़ी पाकर माखनसिंह फूले नहीं समा रहे थे। माखनसिंह दोनों हाथ जोड़कर कहता है कि उसे डंडी के सहारे चलने में काफी दिक्कत होती थी, बांस की डंडी की छड़ी होने से वह कई बार गिर जाते थे। अब यह स्टील की आधार वाली छड़ी मिल गई है जिसके सहारे मैं आसानी से चल पाऊंगा। इसके लिए उसने कलेक्टर एवं प्रदेश शासन को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।