मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और वन मंत्री को सवालों के कटघरे में किया खड़ा, माफी मांगने का कहा विधायक डॉक्टर विक्रांत भूरिया ने
⚫ महंगाई में गब्बर सिंह टैक्स ने तोड़ी कमर
⚫ अब शांति से जीने के लिए मांगेंगे डाकू टैक्स आमजन से
⚫ कलम की जगह बंदूकें हैं डोगलाझीरी के लोगों के हाथों में
हरमुद्दा
झाबुआ, 28 अप्रैल। झाबुआ विधायक डॉक्टर विक्रांत भूरिया ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और वन मंत्री नागर सिंह चौहान को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। उनसे कहा है कि वह आदिवासियों से माफी मांगे। डॉ. भूरिया ने कहा कि महंगाई में जीएसटी गब्बर सिंह टैक्स ने कमर तोड़ के रख दी है और अब बीजेपी वाले आम जनता से शांति से जीने के लिए डाकू टैक्स अभी मांगने लगेंगे। प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है आम जनता की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। बड़वाह की घटना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। सौ बार सौ नंबर पर डायल करने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। होनहार बेटी को आत्महत्या तक करना पड़ गई।
पत्रकार वार्ता में विक्रांत भूरिया ने कहा कि जब जब मुख्यमंत्री झाबुआ जिले के दौरे पर आते हैं आदिवासियों का अपमान करते हैं। अभी आए मुख्यमंत्री ने फोकट का राशन खाने वाला कहकर आदिवासियों को भिखारी कहने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने आदिवासियों की आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई है। हमने आपसे रोजगार मांगा था, आप हमें रोजगार दो ताकि हम नौकरी करें और खुद कमाने के लिए स्वतंत्र हो। आप रोजगार नहीं दे पाए, इसीलिए आपको राशन देना पड़ रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री भाजपा प्रत्याशी अनीता नागर सिंह चौहान के नामांकन में झाबुआ पहुंचे थे। जहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बयान दिया था।
पूरे समाज से मांगे माफी
डॉ. भूरिया ने कहा कि इसके लिए उन्हें पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए। ये राशन फोकट में आप नहीं दे रहो, सभी के टैक्स का राशन हैं जो आप दे रहे हो। कांग्रेस नहीं इसके लिए अधिनियम लागू किया था।
वन मंत्री के परिवार वालों ने किया नाबालिग से बलात्कार
डॉ. भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि वन मंत्री नागर सिंह चौहान के परिवार वालों ने 10 साल की आदिवासी के साथ बलात्कार किया। इतना ही नहीं अपने प्रभाव के दम पर एफआईआर तक नहीं होने दी। जब मैंने इस मामले में एसपी से बात की, तब जाकर फिर दर्ज हुई है जिसमें नागर सिंह चौहान के परिवार वालों के नाम दर्ज हैं। ऐसी घिनौनी हरकत की है। अब मैं मुख्यमंत्री और वन मंत्री से पूछना चाहता हूं क्या उनके परिवार वालों के घरों पर बुलडोजर चलाएंगे। उनके घर तोड़े जाएंगे। या फिर रिश्तेदारी के चलते छोड़ दिए जाएंगे। हालांकि हम तो इस कार्रवाई के पक्ष में नहीं रहते हैं कि किसी का घर टूटे, मगर यह भाजपा के कार्यप्रणाली का ही एक हिस्सा है।
कलम की जगह बंदूके हैं उनके हाथों में
डोगलाझीरी हायर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम शर्मनाक आया है। केवल 12% बच्चे ही पास हो पाए हैं और खास बात यह है कि इसी गांव में सर्वाधिक बंदूक के लोगों के पास है। प्रदेश सरकार कलम नहीं बंदूक थमा रही है। जबकि जिले में रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया ने अपने समय में स्कूल बनवाए। हॉस्टल बनवाए। पढ़ने लिखने के लिए पूरी सुविधा दिलवाई, लेकिन भाजपा सरकार शिक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है।