निरस्त वन अधिकार दावों पर होगा पुनर्विचार
हरमुद्दा
रतलाम 24 जुलाई। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत रतलाम जिले में निरस्त सात हजार से अधिक वन अधिकार प्रकरणों पर पुनर्विचार होगा। पुनर्विचार के उपरांत पात्र पाए जाने पर इन दावों को स्वीकृत कर हितग्राही को वन अधिकार पत्र प्रदान किया जाएगा। शासन के निर्देशानुसार इस संबंध में कलेक्टर रुचिका चौहान ने एक बैठक लेकर जिला वन मंडल अधिकारी तथा सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण को समस्त प्रक्रिया के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए।
11201 प्रकरण स्वीकृत तथा 7043 निरस्त
रतलाम जिले में अब तक 11248 प्रकरणों पर जिला स्तरीय समिति द्वारा अंतिम निर्णय दिया जा चुका है । इनमें से 4201 प्रकरण स्वीकृत किए गए तथा 7043 प्रकरण निरस्त किए गए हैं। इसी प्रकार 126 सामूहिक दावे का भी जिला समिति द्वारा निर्णय किया जाकर 88 दावों को स्वीकृत किया गया है तथा 38 दावों को निरस्त किया गया है। उक्त सभी निरस्त दावों पर एक बार पुनः विचार करने के लिए ग्रामसभा से लेकर जिला स्तर तक कार्रवाई की जाएगी। उक्त कार्रवाई में ग्रामसभा के आयोजन से 3 दिन पूर्व ग्राम पंचायत में उन नामों की सूची चस्पा की जाएगी जो पूर्व में निरस्त किए गए थे । इससे हितग्राही को यह विदित हो सकेगा कि उसके निरस्त प्रकरण पर पुनर्विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर गठित वन अधिकार समिति द्वारा उक्त प्रकरण में मौका मुआयना कर दावे की सत्यता की जांच की जाएगी। ग्राम सभा में विचार-विमर्श उपरांत प्रकरण अनुविभागीय स्तर पर गठित वन अधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस समिति द्वारा अनुमोदन के उपरांत प्रकरण जिला स्तर पर गठित वन अधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत होगा जहां से अंतिम विनिश्चय किया जाएगा।
निर्णय होंगे ऑनलाइन
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि समस्त निरस्त प्रकरणों पर गंभीरतापूर्वक पुनर्विचार किया जाए। जिस कारण से प्रकरण निरस्त किया गया था उस कारण की जानकारी भी हितग्राही को प्रदान की जाए ताकि वह उन कारणों की पूर्ति कर सके। उन्होंने कहा कि हितग्राही के समक्ष निर्णय किया जाए ताकि वह भी उससे अवगत हो सकें । पुनर्विचार प्रक्रिया के दौरान अनु विभागीय स्तर की बैठक निर्णय तथा जिला स्तरीय समिति की बैठक के निर्णय ऑनलाइन किए जाएंगे ।