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आंखों देखी : उम्मीदवार के लिए इस तरह भी रोड पर भाजपा का शो, मुख्यमंत्री के आने के पहले का दृश्य

शहीद चौक पर भाजपा उम्मीदवार के पंपलेट सड़क पर

कार्यकर्ता पैरों तले रौंदते रहे

कागज के कचरे से स्वागत की परंपरा

हरमुद्दा
रतलाम, 11 मई। लोकसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रतलाम शहर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आगमन हुआ। रोड शो हुआ। पक्ष में मतदान करने का आह्वान किया गया, मगर ठीक इसके पहले रोड शो के आरंभिक स्थल पर दृश्य कुछ और ही नजर आया। समापन के बाद तो झंडे बैनर सड़कों पर आ जाते हैं,  वह तो देखा था मगर पहले ऐसा भी हो सकता है,  यह समझ से परे।

रोड शो के आरंभिक स्थल शहीद चौक पर मंच बना हुआ था। आदिवासी नृत्य चल रहा था। घड़ी में 11 बजकर 10 मिनट  हुए थे। मुख्यमंत्री के कुछ ही समय में आयोजन स्थल पर आने की घोषणा हो रही थी।

मंच के सामने ही भाजपा उम्मीदवार अनीता नागर सिंह चौहान, शहर विधायक चैतन्य काश्यप, राष्ट्रीय नेता के फोटो लगे पंपलेट सड़क पर काफी संख्या में बिखरे पड़े हुए थे। या यूं कहें कि  गड्डी की गड्डी फेंक दी गई थी। जिसे फिर उठाने की किसी ने जहमत नहीं उठाई। सब दिखावे की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।

भाजपा कार्यकर्ता रौंद रहे थे पैरों तले

वहां पर चलने फिरने वाले भाजपा के कार्यकर्ता ही उनको रोंदते हुए जा रहे थे। कोई टोकने वाला नहीं था। न ही उसको किसी ने उठाया। यह हकीकत रही भाजपा के रोड शो की। मुख्यमंत्री के आने के पहले यह सब  उधर से गुजरने वालों ने भी देखा। सब यही कहते नजर आए कि जब अभी यह स्थिति है तो मतदान वाले दिन क्या होगा? कार्यकर्ता ही झांकी मंडप में लगे हुए हैं।  उनको ऐसी हरकत करने से कोई परहेज नहीं है।

कागज के कचरे की स्वागत परंपरा

डालू मोदी बाजार चौराहे पर कागज के कचरे से स्वागत

भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने रोड शो शुरू किया। रास्ते में दर्जनों मंच पर स्वागत सत्कार हुआ मगर जहां पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ, वही कागज के कचरे से सम्मान की परंपरा भी बदस्तूर जारी रही। कई जगह कागज का कचरा मुख्यमंत्री के स्वागत में उड़ाया गया जो कि सड़कों पर काफी देर तक उड़ता हुआ, इसकी गवाही दे रहा था।

आखिर यह समझ में नहीं आता है कि कभी कागज के कचरे से तो कभी रंग बिरंगी प्लास्टिक के कचरे से स्वागत किया जा रहा है। आखिर यह किस बात का संकेत है। स्वागत कर रहे हैं या फिर कचरा उड़ा रहे हैं। या फिर जाकी रही भावना जैसी वाली बात तो नहीं कर रहे हैं। या फिर जिनका स्वागत करने में स्वागत योग्य नहीं है। यह चिंतन की बात है। समझने की बात है। समापन स्थल धानमंडी स्थित रानी जी के मंदिर के यहां पर भी कागज का कचरा गवाही दे रहा था कि मुख्यमंत्री का स्वागत फूलों के साथ कचरे से भी किया गया है।

रानी जी के मंदिर समापन स्थल पर कागज का कचरा

रोड शो वाले मार्ग आए चौड़े चौड़े नजर

रोड वाले मार्ग पर सामान्य जन का आवागमन प्रतिबंधित था। दुकानों के आगे फैला सामान और वाहन नहीं  थे। सड़के बहुत चौड़ी चौड़ी  नजर आ रही थी। चाहे वह धानमंडी हो, नाहरपुरा, चौमुखी पुल,  चांदनी चौक सभी दूर की सड़के सामान्य दिनों की तुलना में काफी जगह देने वाली थी। वाहनों से किया गया अतिक्रमण तो कतई नहीं था। आम जनता कहना था कि जब विशेष व्यवस्था के तहत सब समझदार हो जाते हैं, जिम्मेदार अधिकारी की सभी बात मान लेते हैं  तो व्यापारी वर्ग आम दिनों में ऐसा क्यों नहीं करते? आमजन के लिए आखिर उनके कोई कर्तव्य हैं या नहीं।

चांदनी चौक का मुख्य मार्ग
नाहरपुरा से रानी जी के मंदिर वाला मार्ग

रानी जी के मंदिर  से शहीद चौक वाला मार्ग

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