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धर्म संस्कृति : खुशियों का ताला खोलने के लिए चार चाबियाँ जरूरी : गणिश्री

मुमुक्षु संयम पालरेचा दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष्य में चार दिनी प्रवचन माला प्रारम्भ

हरमुद्दा
रतलाम, 5 जून। मुमुक्षु संयम पालरेचा की 12 जून को आयोजित दीक्षा महोत्सव के दूसरे चरण में चार दिवसीय प्रवचनमाला ‘चार चाबी खुशियों की’ विषय पर बुधवार से श्री करमचंद उपाश्रय पर शुरुआत हुई । इस मौके पर चल समारोह के साथ गुरुदेव का उपाश्रय में प्रवेश एवं विधिविधान के साथ कुंभ स्थापना की गई । गुरुवार से तीन दिनी सामायिक महोत्सव मनाया जाएगा।

प्रवचन माला में आचार्य श्री बंधु बेलड़ी शिष्यरत्न गणि श्री पदमचन्द्रसागर जी म.सा, गणि श्री आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. एवं साध्वी श्री अर्चितगुणाश्रीजी म.सा,श्री रतनरिद्धिश्रीजी म.सा.एवं  साध्वी श्री रतनवृद्धिश्रीजी म.सा.आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द ने निश्रा प्रदाता है।

ऐसे खुशियों का ताला खुलेगा

गणिश्री  ने खुशियों की चार चाबी का वर्णन करते हुए बताया उत्साह, उजास, ऊर्जा और उदारता है । इन चाबियों की मदद से खुशियों का ताला खुलेगा। आपने कहा कि  जब तक पापों की पटरी बिछी हुई है, तब तक दुखों की ट्रेन आती ही रहेगी ।यदि हम चाहते हैं कि सुखों की ट्रेन आए तो पटरी धर्म की बिछानी पड़ेगी ।

श्रवण वेश वंदनीय

उन्होंने कहा कि यदि उत्साह है तो दीवार में द्वार बन सकता है, दुर्गम पहाड़ी में भी रास्ते बन सकते हैं एवं अभिशाप भी आशीर्वाद में बदल सकते हैं । भरत चक्रवर्ती ने भी केवल्य के बाद दीक्षा का स्वीकार किया यह बताता है कि श्रवण वेश वंदनीय है । श्री करमचंद उपाश्रय पर 8 जून तक प्रतिदिन प्रवचन का समय सुबह 9 बजे से है । दीक्षा 12 जून को दीनदयाल नगर में होगी ।

सामायिक एवं प्रतिक्रमण का आह्वान

गणिश्री  ने 6, 7, 8 जून तीन दिन संयम की दीक्षा के अवसर पर सामायिक महोत्सव मनाने का आह्वान किया एवं 9, 10, 11 तीन दिन प्रतिक्रमण दीक्षार्थी के साथ करने की प्रेरणा दी। इसके  साथ ही 12 जून को दोपहर 3 बजे तक प्रतिष्ठान बंद रखने की सलाह भी दी ।

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