सामाजिक सरोकार : बालक, बालिका और माता-पिता के बीच संवाद का सेतू जरूरी
⚫ हब अन्तर्गत तृतीय सप्ताह “भारतीय न्याय संहिता” पर हुआ आयोजन
⚫ जिलेभर में हुए आयोजन
हरमुद्दा
रतलाम, 5 जुलाई। महिलाओं और बालिकाओं द्वारा पूर्ण उत्साह और जिज्ञासा के साथ “भारतीय न्याय संहिता” के बारे में समझा गया। 03 नए कानून के बारे में समझाया गया। उन्हें बताया गया कि बच्चों और माता-पिता की बीच में संवाद का सेतु जरूरी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा के मार्गदर्शन और नोडल अधिकारी सहायक संचालक अंकिता पण्ड्या के नेतृत्व में जागरूकता शिविर के आयोजन किए गए।
“भारतीय न्याय संहिता” पर हुए आयोजन
महिला एवं बाल विकास के अमले और वनस्टॉप सेण्टर रतलाम और जावरा द्वारा 01 जुलाई से 05 जुलाई तक हब अन्तर्गत तृतीय सप्ताह की थीम “भारतीय न्याय संहिता” पर शासकीय कन्या महाविद्यालय रतलाम, महिला आईटीआई रतलाम, शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उमावि, शासकीय नवीन कन्या उमावि, कन्या शाला सैलाना, बरखेड़ाकला थाना आलोट, सरस्वती विद्या मंदिर उमावि जावरा, शासकीय कन्या स्कूल बाजना, विभिन्न ऑंगनवाड़ी केन्द्रों पर समझाईश दी गई।
बच्चों से कहा माता-पिता से करें सभी बात साझा
महिला आईटीआई रतलाम की हिन्दी स्टेनोग्राफी ट्रेड की पूर्व में छात्रा रही महिला बाल विकास की लिपिक यशोदाकुंवर राजावत से रूबरू होने से बालिकाओं में आत्मनिर्भर होने का मनोबल बढ़ा। श्रीमती राजावत द्वारा बालिकाओं को आत्मनिर्भर होने का संदेश दिया, साथ ही अपने माता-पिता से अपने मन की सभी बातें सांझा करने की सलाह दी। महिला आईटीआई के प्राचार्य ए.के. श्रीवास्तव के चरण स्पर्श कर शिक्षक सम्मान की पहल की।
इनका रहा सराहनीय योगदान
आयोजन में मुख्य रूप से वनस्टॉप सेण्टर रतलाम की कुमारी माया, कल्पना योगी, रूपा देवड़ा, नीता परिहार, वनस्टॉप सेण्टर जावरा से कुमारी अनिता वाडेल, कुमारी मोनिका कश्यप, महिला बाल विकास के पर्यवेक्षकों, कन्या महाविद्यालय और शासकीय स्कूलों के प्राचार्यों का सराहनीय योगदान रहा।