सामाजिक सरोकार : पहले हुए नेत्रदान और फिर देहदान, विद्यार्थियों को सुविधा मिलेगी पढ़ाई में
⚫ काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की जन जागृति रंग लाई
⚫ समाजसेवी अनिल जैन को दी सभी ने श्रद्धांजलि
⚫ फरवरी 2024 में ही लिया था श्री जैन ने देहदान का संकल्प
⚫ परिजनों की मौजूदगी में हुई थी पूरी प्रक्रिया
हरमुद्दा
रतलाम 5 जुलाई। जीना और मरना तो नियति के हाथ में है। मगर मनुष्य के हाथ में है उस जीवन को सार्थक करना और जीवन को ही नहीं मरणोपरांत भी अनुकरणीय प्रेरणा दे जाना। यह जीवन की सबसे बड़ी सार्थकता है। इसी संदेश को जन जागृति के लिए देकर चले गए समाज सेवी अनिल जैन। काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की जन जागरूकता रंग लाई। मरणोपरांत श्री जैन के पहले नेत्रदान हुए। तत्पश्चात परिजनों की मौजूदगी में देहदान करवाया गया। मेडिकल कॉलेज की विद्यार्थियों को पढ़ाई में इससे काफी सुविधा मिलेगी।।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि फरवरी 20 24 में ही श्री जैन ने परिजनों के सामने देहदान का संकल्प लिया और फॉर्म भर कर दिया। मगर उसे समय ऐसा नहीं लग रहा था कि श्री जैन कुछ ही माह में हमें छोड़ कर चले जाएंगे। मगर उनकी यादें उनकी स्मृतियां उनका संकल्प हमेशा हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
देहदान के प्रति जागृति के लिए काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी के प्रयास से रतलाम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए सुपुत्र पंकज जैन एवं परिवार द्वारा पहला नेत्रदान करवा तत्पश्चात देहदान हुआ। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा विद्यार्थी को प्रयोग अध्ययन और अनुभव के लिए देह का होना बहुत जरूरी है उसकी कमी रहते विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल अनुभव में कमी आती है।
फरवरी में ही जमा करवाया था देहदान का फॉर्म
देहदान की कमी को दूर करने के लिए संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति सदस्य ने अपने पुराने वार्ड शास्त्री नगर के देहदानी परिवार सुशील छाजेड़ के साथ मिलकर अनिल कुमार जैन निवासी गुलमोहर कॉलोनी रतलाम से चर्चा की। उन्होंने परिवार में धर्मपत्नी श्रीमती हंसा जैन, पुत्र पंकज जैन एवं परिवार जनों से सहमति प्राप्त कर देहदान के लिए फरवरी माह में मनवाया।
परिजनों के समक्ष हुए पहले नेत्रदान, फिर देहदान
श्री जैन के निधन के समाचार मिलते ही समाजसेवी काकानी ने रात्रि में मानव सेवा समिति से शव पेटी भेज कर शव को सुरक्षित रखवाया। प्रातः काल 8:30 बजे नेत्र विभाग प्रभारी डॉक्टर रिशेंद्र सिसोदिया, टेक्नीशियन विनोद कुशवाहा, हैप्पी पीटर के सहयोग से नेत्रम संस्था के हेमंत मूणत और टीम के सदस्यों की उपस्थिति में नेत्रदान हुआ, जिसे परिजनों ने देखा। पश्चात दोपहर 12:30 बजे शवयात्रा डॉ. लक्ष्मी नारायण पांडे मेडिकल कॉलेज पहुंची। वहां पर एनाटॉमी विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंगरौले, डॉ विजय चौहान, डॉ अनिल पटेल ,पुनीत शर्मा, डॉ प्रवीण,सुनील महावर व टीम सदस्य देहदान लेने के साथ उपस्थित थे।
देहदान के लिए किया प्रेरित
मेडिकल कॉलेज डीन डॉ अनिता मूथा एवम काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने देहदान के बारे में जानकारी से वहां उपस्थित डॉक्टर अमित शाह, डॉ. मनन व्यास, रोहन चोपड़ा, सीए प्रखर डफरिया, आशीष चोपड़ा, आशीष गांधी, संजय गोधा, विकास झालानी, आशीष जैन, अर्चित पोरवाल, सिद्धार्थ डफरिया, पार्षद प्रतिनिधि राजेश माहेश्वरी एवं बड़ी संख्या में उपस्थित जनप्रतिनिधि समाज बंधु एवं क्षेत्रीय रहवासियो को अवगत कराया। देहदान के लिए फॉर्म घर जाकर भरने की सुविधा भी समाजसेवी भी देते हैं। फार्म को मेडिकल कॉलेज में जमा करवाते हैं। देहदान के लिए चयन होने के पश्चात उनके कार्ड बनते है। जो उन्हें सौंपने के लिए घर जाते हैं।