आंखों देखी : ऐसे हुई नई शुरुआत, उधार की बस को हरी झंडी दिखाकर रतलाम में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया  प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम मंत्री ने

मांगी हुई बस पर लगाए स्टीकर और बैलून

कॉलेज पहुंच मार्ग पर रास्ते में बनाए गए बोर्ड पर हो रही थी रंगाई पुताई

नाम का बोर्ड जरूर बन गया था 1 जुलाई को

एक प्राध्यापक को भेजा गया स्वामी विवेकानंद कॉमर्स कॉलेज से

हरमुद्दा
रतलाम 14 जुलाई। रविवार को प्रदेश के साथ रतलाम में प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने रतलाम में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ उधार की बस को हरी झंडी दिखाकर किया। मांगी हुई बस पर स्टिकर और बैलून लगाए गए। तैयारी के नाम पर पहली जुलाई को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड जरूर बन गया था मगर बाकी कार्य अपनी गति से चल रहे थे। कॉलेज पहुंच मार्ग पर रास्ते में बनाए गए बोर्ड पर एन वक्त पर भी रंगाई पुताई की जा रही थी।

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडे ने की। मंच पर कलेक्टर राजेश बाथम, भाजपा जिला अध्यक्ष, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, महाविद्यालय जन भागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी, प्राचार्य डॉ. वाय के मिश्रा मौजूद थे। मंच पर मौजूद अतिथियों ने ब्रोशर का विमोचन किया।

ब्रोशर का विमोचन करते हुए मंचासीन

अतिथियों ने उद्बोधन दे दिए। तत्पश्चात वर्चुअल कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसके मुख्य अतिथि देश के गृहमंत्री अमित शाह थे। अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। प्रसारण को देखा और सुना गया।

जब कभी आएंगे अतिथि तो पता चलेगा क्या लिखा बोर्ड पर

लोहे की बाउंड्री पर लगाए गए बोर्ड पर रंग करते हुए कर्मचारी

इसके पहले दोपहर 1 बजे कॉलेज स्थल तक के पहुंच मार्ग राइट हैंड साइड पर लोहे की बाउंड्री वॉल पर अलग से लोहे के बोर्ड लगाए गए, जिनका रंग रोगन कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था। अब जब कभी अतिथियों का आना होगा तो वह देखेंगे कि उन पर क्या लिखा गया है फिलहाल तो हुए केवल ब्लैंक नजर आ रहे थे। पर यह बात जरूर कहना होगी कि 1 जुलाई को कॉलेज का बोर्ड जरूर बदल गया था।

केवल 3 महीने के लिए तैनाती उनकी भी

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी द्वारा हस्ताक्षरित 11 जुलाई के आदेश में 61 प्राध्यापकों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में भेजा गया है। आदेश में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस रतलाम के लिए केवल एक प्राध्यापक को ही यहां भेजना मुनासिब समझा। वह भी रतलाम के ही स्वामी विवेकानंद शासकीय वाणिज्य महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. किशोर कुमार डाबर हैं। जबकि भोपाल के ही विभिन्न कॉलेजों से भोपाल के पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के लिए 7 प्राध्यापकों को भेजा गया है। खास बात यह भी है कि इन सभी प्राध्यापकों की तैनाती केवल 3 महीने के लिए की गई है। मतलब उनको कोई फर्क नहीं पड़ेगा पहले जिधर जाना था, उधर न जाकर दूसरी तरफ चले जाएंगे और क्या? मगर रतलाम में एक प्राध्यापक की तैनाती यह भी दर्शाती है कि अग्रणी कॉलेज में सभी प्राध्यापक मूर्धन्य विद्वान है मगर यह कितने विद्वान हैं यह तो विद्यार्थी ही भली-भांति बता सकते हैं। विद्वान कितने समय कॉलेज में रहते हैं और पढाते हैं। हालांकि मंच से ही एक विद्यार्थी ने तो प्रोफेसर और कर्मचारियों के व्यवहार की धज्जियां उड़ाने में देर नहीं लगे। काफी अवस्था भी गिनाई। फिर लीपा पोती  करते हुए प्रिंसिपल साहब ने कहा कि जो भी शिकायत हो मुझे बताएं समाधान किया जाएगा

पहले से ही सड़कों पर दौड़ रही बस को दिखाई हरी झंडी

बस पर लगा रूट चार्ट
बस पर लगाए स्टीकर
लाल गोले में रगड़ का निशान

अतिथियों ने जिस बस को हरी झंडी दिखाकर विद्यार्थियों की सुविधा के लिए रवाना किया, वह बस उधार की मांगी गई है। उस पर केवल पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के नाम की लाइन के नीचे शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रतलाम लिखे हुए स्टीकर लगा दिए। बैलून चिपकाकर ऐसा जताया गया कि यह कॉलेज की ही बस है, मगर ऐसा नहीं था उसके टायर गंदे हो रहे थे यानी कि कीचड़ से सने हुए थे। इतना ही नहीं जिस साइड से विद्यार्थी बस में चढ़ेंगे और उतरेंगे वहीं ऊपर की साइड पर रगड़ भी लगी हुई है। मौजूद लोगों की तो यही चर्चा थी कि पॉवर के चलते ऐसा न हो कि यही बस चलती रहे और नई बस का इंतजार ही करते रह जाएं। नई बस कहीं और न सेवा देने लग जाए। क्योंकि यह बस काफी समय से सड़कों पर दौड़ रही है और निजी कॉलेज में विद्यार्थियों को ले जा रही है।

कैबिनेट मंत्री के स्थानीय कार्यालय से जारी एक चित्र

हो सकता है मंत्री जी को भी अंधेरे में ही रखा गया है। शायद उन्हें नहीं बताया गया है कि जिस बस को हरी झंडी दिखाई गई है वह प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस की बस नहीं है। तो क्या अब जिस बस को एक्सीलेंस कॉलेज की मंत्री जी की ओर से बताया गया है, वही बस रहेगी या फिर नई बस आएगी?

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