धर्म संस्कृति : गुरुओं को याद कर उनके जीवन के अंशों का संग्रहण करें

गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने कहा

गुरु पूर्णिमा के पर्व पर गुरु भक्तों को सीख

हरमुद्दा
रतलाम, 21 जुलाई। चातुर्मास के आरंभ होते ही गुरु पूर्णिमा के पर्व पर गुरु भक्त एकत्र हुए।  सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में वर्धमान तपोनिधि पूज्य आचार्य देव श्री नयचंद्रसागर सुरीश्वर जी म.सा. की निश्रा में गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने प्रवचन दिए।

श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्री संघ गुजराती उपाश्रय रतलाम एवं श्री ऋषभदेव जी केसरीमल जी जैन श्वेतांबर पेढ़ी रतलाम के तत्वावधान में रविवार को उन्होंने गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी महत्ता को समझाया।

जीवन में चल एक लक्ष्य लेकर

गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने कहा कि मानव भव मिला है, तो जीवन में एक लक्ष्य लेकर चलें। गुरु पूर्णिमा पर्व पर अपने सभी गुरुओं को याद करें और उनके जीवन के कुछ अंशों को संग्रहण करें। यदि ऐसा कर लिया तो, जीवन धन्य हो जाएगा, क्योंकि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति होना संभव नहीं है। बड़े-बड़े साधु महात्मा और भगवंतो ने गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त किया और आज उनके नाम को चरितार्थ कर रहे हैं।

तो होगी पैसे की सार्थकता सिद्ध

गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने गुरु सागर जी महाराज के कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि यदि आप सामर्थवान है तो छोटे साधु की शिक्षा का लाभ लें। यदि ऐसा करेंगे तो आपके पैसे की सार्थकता सिद्ध होगी। जीवन में सदैव एक लक्ष्य रखो और उसके अनुरूप कार्य करो। आज सारी सुख सुविधा होने के बाद भी लोग ज्ञान की प्राप्ति ठीक से नहीं कर पाते हैं जबकि साधु इन सबसे परे रहकर ज्ञान प्राप्त करता है। उन्होंने बताया कि मंगलवार से आचारंग सूत्र पर व्याख्यान होंगे। इन्हें सुनना सभी के लिए आत्म कल्याणकारी होगा। प्रवचन के दौरान बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *