आंखों देखी : रतलाम के सीएम राइज स्कूल आइए तो सही, एक दिन गुजारिए तो सही, ऐसे नहीं बनता विश्व के पटल पर नाम, करते हैं हर दिन एक जुट होकर अनुकरणीय काम

सब एकजुट होकर ऐसे कार्य कर रहे हो मानों कोई अद्भुत पूजा हो

कक्षा की चाहत होती है प्रार्थना सभा के मंच पर आने की

सभी करते हैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस

सबके चेहरों पर नजर आती है एक प्रेरणा देने वाली आभा

हरमुद्दा
रतलाम 24 जुलाई। यह तो सर्वविदित है कि फर्श से अर्श तक का सफर इतना आसान नहीं होता, किंतु असंभव भी नहीं है। यही सिद्ध करता है रतलाम के सीएम राइज स्कूल का हर दिन का क्रियाकलाप। विश्व पटल के मानचित्र पर स्कूल ने देशभर में अपना नाम रोशन किया है। यहां हर एक विद्यार्थी, पालक, शिक्षक-शिक्षिकाएं, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल से लेकर प्यून तक सभी एकजुट होकर मिलजुल कर ऐसे कार्य करते हैं मानो वह कोई अद्भुत पूजा कर रहे हैं। कोई भी वहां पर जाकर रूबरू हो सकता है। एक दिन रतलाम के सीएम राइज स्कूल में आइए तो सही एक दिन गुजरिया तो सही।

विश्व के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा पुरस्कार द “वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइज” जो कि विश्व की शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्था “टी फोर एजुकेशन” द्वारा 13 जून 2024 को नवाजा गया। इसके बाद ऐसा नहीं है कि सब हाथ पे हाथ धर कर बैठ गए। यहां हर दिन अब भी अनुकरणीय, अनुकरणीय और अनुकरणीय करते रहते हैं। आप कभी भी जाइए, वहां का अलग ही वातावरण मिलेगा,  जो कि मन को भाव विभोर कर देगा। हरमुद्दा डॉट कॉम ने स्कूल में मंगलवार 23 जुलाई का एक दिन गुजरा खुफिया आंखों से। जो देखा वह दृश्य के माध्यम से पाठकों के सामने प्रस्तुत है।

दृश्य 1
प्रार्थना सभा को विद्यार्थी ही संचालित कर रहे हैं। तभी किसी एक कक्षा के सारे विद्यार्थी मंच पर बुला लिए जाते है। सजा के लिए?,नहीं, सम्मान के लिए। आज इस कक्षा की उपस्थिति शत प्रतिशत रही है। इसलिए इसके कक्षा-शिक्षक और बच्चों के लिए सम्मान की तालियां हो रही है। विद्यार्थियों की उपस्थिति 91 फीसद रही। कई कक्षाओं में शत प्रतिशत।

पर्यावरण विषयक पोस्टर प्रतियोगिता

दृश्य 2
स्कूल में पर्यावरण विषयक पोस्टर प्रतियोगिता हुई थी। उसके विजेता विद्यार्थी अपने पोस्टर सभी के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं। उनकी थीम से जुड़ाव को बता रहे है कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है?,शिक्षक हर पल उस समूह के साथ मार्गदर्शक है।

दृश्य 3
कक्षा 11 वीं में रसायन का कालखंड चल रहा है। ये क्या ? विद्यार्थी गुब्बारों से खेल रहे है क्या?,शिक्षक ने बताया कि ये संकर ऑर्बिटल, सिग्मा बन्ध, पाई बन्ध जैसी जटिल अवधारणाओं को खेल खेल में समझ रहे हैं। बोर्ड पर पूरी विषय-वस्तु लिखी थी और हाथों में रंग-बिरंगे गुब्बारों से विद्यार्थी उन फार्मेशन को बना रहे थे।

रंग-बिरंगे गुब्बारों से फार्मेशन को बनाते विद्यार्थी

दृश्य 4
सांय 3.45 तक सभी कक्षाएं सुचारू है और एका-एक माइक पर आवाज आती है कि स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम की तैयारी वाले विद्यार्थी प्रार्थना स्थल पर आ जाएं।150 विद्यार्थी देशभक्ति प्रस्तुति तैयार कर रहे है। स्कूल के प्रभारी शिक्षक और आमन्त्रित कोरियोग्राफर तैयारी करवा रहे हैं।

दृश्य 5
शिक्षिकाएं सांयकाल एक जगह एकत्र हुई सर्कल में,। वे उच्च उपस्थिति पर खुशियां जता रहे हैं। कैप्सूल सत्र में एक शिक्षिका प्रार्थना सभा के बारे में सबको बता रही हैं। एंकर शिक्षिका के मार्गदर्शन में टीम बिल्डिंग एक्टिविटी हो रही है।सभी आनंद के साथ घर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। सबके चेहरों पर प्रेरणा देने वाली एक अलग ही आभा नजर आ रही थी।

औरों के उत्तरदायित्व में भी करते हैं सहयोग

ये एक ही दिन के दृश्य है योजनाबद्ध रूप से चलते एक सरकारी स्कूल के। जो हाल ही में विश्व के टॉप-10 स्कूल में शॉर्टलिस्टेड हुआ है। सी एम राइज विनोबा रतलाम – इस संस्था की साप्ताहिक कार्य-योजना पूर्व से बनी होती है, जिसके अनुसार सारी गतिविधियों को पढ़ाई के साथ जोड़कर विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास को लक्ष्य किया जाता है। शिक्षक एक टीम के रूप में न सिर्फ स्वयं के बल्कि औरों के उत्तरदायित्व में भी सहयोग करते हैं।

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