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ज्ञान-विज्ञान : भौतिक शास्त्र के नए आयामों पर निरंतर चर्चा ज़रूरी

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भौतिक विज्ञानी एवं पूर्व प्राचार्य डॉ एस.के. जोशी

रतलाम फिजिक्स टीचर्स का सेमिनार आयोजित

हरमुद्दा
रतलाम, 28 जुलाई। भौतिक शास्त्र में हो रहे नए अनुसंधान एवं आयामों पर निरंतर विचार विमर्श किए जाने की आवश्यकता है। प्रतिदिन कुछ न कुछ ऐसा नया आविष्कार हमारे सामने आ रहा है जो हमें इन आयामों पर सोचने के लिए विवश करता है। भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी होने के नाते हमारा दायित्व है कि नए-नए अनुसंधानों पर हम नज़र रखें तथा इनसे जुड़कर अपने ज्ञान में वृद्धि करें।

यह विचार रतलाम फिजिक्स टीचर्स एसोसिएशन (आर.ए.पी.टी.) के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में भौतिक विज्ञानी एवं पूर्व प्राचार्य डॉ एस.के. जोशी ने व्यक्त किए।

अवधारणाओं को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रयोग प्रदर्शन बहुत ज़रूरी

इंदौर से आए वरिष्ठ भौतिकविद  प्रो. पी.के. दुबे ने कहा कि भौतिक शास्त्र की अवधारणाओं को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रयोग प्रदर्शन बहुत ज़रूरी है । विद्यार्थी इन छोटे-छोटे प्रयोगों के द्वारा बहुत कुछ सीख सकते हैं । हम सभी अपनी कार्य प्रणाली में इन प्रयोगों को शामिल करें तो इससे काफी लाभ हो सकता है।

आज का समय भौतिक विज्ञान का

पूर्व  प्राध्यापक एवं भौतिक विज्ञानी डॉ. डी.एस.  वाघेला ने इस अवसर पर कहा कि नई पीढ़ी का भौतिक शास्त्र के प्रति आकर्षण यह आश्वासन देता है कि इस क्षेत्र में संभावनाएं बनी रहेंगी । उन्होंने कहा कि आज का समय भौतिक विज्ञान का ही समय है। दिन – प्रतिदिन नए-नए प्रयोग हमारे सामने आ रहे हैं। इन पर नज़र बनाए रखना आवश्यक है।

निरंतर अच्छा कार्य

पूर्व प्राचार्य डॉ. संजय वाते ने कहा कि रतलाम में भौतिक शास्त्र से जुड़े साथियों की टीम निरंतर अच्छा कार्य कर रही है। ऐसे कार्यों से ही भौतिक विज्ञान को विद्यार्थियों में हम अधिक से अधिक प्रचलित कर सकते हैं। पूर्व प्राचार्य एस. एल. गौड़ ने कहा कि भौतिक विज्ञान का क्षेत्र बहुत विस्तृत है और इसमें निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है ।

इन विषयों पर हुआ प्रजेंटेशन

सेमिनार में अर्जुन चौधरी ने ‘भौतिक शास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान’ विषय पर अपना प्रेजेंटेशन देते हुए जेम्सवेब खगोलीय दूरदर्शी की जानकारी दी।  ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की विस्तार से व्याख्या करते हुए सत्यनारायण रेहूला ने अपना प्रेजेंटेशन दिया। ‘नैनो पार्टिकल्स’ पर पूर्व प्राचार्य श्यामवंत पुरोहित ने अपनी विस्तृत प्रस्तुति दी । प्रो. पी.के. दुबे ने प्रयोग प्रदर्शन के माध्यम से कोणीय संवेग संबंधीय अवधारणाओं को स्पष्ट किया।

इनका हुआ सम्मान

उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए आर.ए.पी.टी. द्वारा पूर्व प्राचार्य श्यामवंत पुरोहित, गजेंद्र सिंह राठौर एवं श्री आशीष दशोत्तर का सम्मान किया गया।

दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत

प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।  संस्था के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौर, कार्यक्रम संयोजक जितेंद्र जोशी, दिलीप  मूणत, अमर वरदानी ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। आभार प्रदर्शन प्राचार्य वीरेंद्र मिंडा ने किया। इस अवसर पर जिले के भौतिक विज्ञान के विद्वान उपस्थित थे।

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