सामाजिक सरोकार : गुजराती समाज विद्यालय में एक विषय गुजराती का भी हो

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक विवेक सागर स्वामी जी ने कहा

श्री गुजराती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नवीन भवन का लोकार्पण

हरमुद्दा
रतलाम,30 जुलाई। विद्यार्थियों के लिए सिर्फ शिक्षा ही नहीं,अपितु भारतीय संस्कृति और संस्कारों से परिपूर्ण होना भी अनिवार्य है। हम अपने शास्त्रों से,अपने पूर्वजों से और अपने माता-पिता से इन सारी बातों को सीख सकते हैं और समझ सकते हैं। इस विद्यालय में यह सारी बातें विद्यार्थियों को सीखने को मिल रही हैं, जिसे सुनकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। गुजराती समाज विद्यालय में एक विषय गुजराती का भी होना चाहिए।

उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय कथावाचक सद्गुरुवर्य पूज्य विवेक सागर स्वामी जी ने श्री गुजराती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नवीन भवन का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए ।उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा ज्ञान बढ़ाने वाली हो सकती है, परंतु मातृभाषा हमेशा सदविवेक का निर्माण करती है। हमारी सनातन संस्कृति में परंपरा के रूप में यही स्वीकार किया गया है। यदि हम अपने मातृभाषा का सम्मान और गुणगान करेंगे ,तो निश्चित तौर पर भविष्य उज्जवल बनेगा। स्वामी जी ने माता जानकी और रावण के उदाहरण से सभी विद्यार्थियों को जीवन का गुढ़ रहस्य समझाया।

प्राचार्य दिया स्वागत भाषण

आरंभ में प्राचार्य एस आर दुबे ने स्वागत भाषण दिया। समाज अध्यक्ष किशोर भाई खिलोसिया, सचिव शंकर भाई पटेल, ट्रस्टी हसमुख भाई शाह, सदस्य नवनीत भाई पटेल, परमानंद राणपर, हेमंत भाई पटेल, चेतन भाई पटेल, हरीश भाई ठक्कर, रमेश भाई चौहान, नीलेश भाई पटेल, और राकेश भाई देसाई ने पुष्पमाला से चरण वंदना की ।स्वामी जी और स्कूल का परिचय मयूर व्यास ने दिया।

40 साल पहले डोंगरे महाराज ने किया था भवन का लोकार्पण

समाज अध्यक्ष किशोर भाई ने कहा कि लगभग 40 वर्ष पूर्व पूजनीय डोंगरे महाराज ने भवन का लोकार्पण किया था और हमारा सौभाग्य है कि 40 वर्ष बाद विवेकसागर स्वामीजी के कदम यहां आए हैं। ये समाज और विद्यालय के लिए प्रगति कारक बनेंगे। इस अवसर पर समस्त शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहा।

विवेक सागर स्वामी जी ने कोठारी को दिया आशीर्वाद

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक सद्गुरुवर्य पूज्य विवेक सागर स्वामी जी रतलाम प्रवास के दौरान समाजसेवी संजय कोठारी के निवास पहुंचे। यहां उन्होंने श्री कोठारी से कुशलक्षेम पूछी। स्वामी जी से संजय कोठारी के साथ श्रीमती रश्मि कोठारी, जिनेश कोठारी श्रीमती श्रेयांसी और दक्ष कोठारी ने भी आशीर्वाद प्राप्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *