गीत – तीन रंगों का संदेश
“भिन्न-भिन्न त्यौहार हमारे, भिन्न-भिन्न परिवेश
एक है धरती, एक है सूरज, एक है भारत देश।”
⚫ आशीष दशोत्तर
भिन्न-भिन्न त्यौहार हमारे, भिन्न-भिन्न परिवेश
एक है धरती, एक है सूरज, एक है भारत देश।
रंग-बिरंगे फूलों जैसे बिखरे रंग हज़ार,
होली तो सबके जीवन में बरसाती है प्यार
एक माह की कठिन तपस्या फिर आती है ईद
रोजे़दारों की होती है पूरी हर उम्मीद।
त्याग ,समर्पण और मिलन का मिलता है संदेश ।
एक है धरती, एक सूरज, एक है भारत देश।
अंधकार को दूर भगाकर ज्योति नई जलाती,
एक दिवाली लाखों दीपक ले जीवन में आती।
प्रेम -प्यार का भाव जगाता क्रिसमस का त्यौहार
प्रभु यीशु से मानवता का मिले हमें उपहार ,
जीवन की परिभाषा लिखते संत, पीर ,दरवेश।
एक धरती, एक है सूरज, एक है भारत देश।
सब त्यौहारों से बढ़कर है अपना यह त्यौहार
आज़ादी जब मिली हमें तो खुशियां मिली हज़ार
सारी दुनिया पर यह झंडा तीन रंग का छाए,
भारत मां ‘आशीष’ यही देती है सब मुस्काए
हर भारतवासी के दिल में रहता प्यारा देश ।
एक है धरती एक सूरज एक है भारत देश।
⚫ 12/2, कोमल नगर
रतलाम
मो.9827084966