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फैसला : दूध के पैसे मांगने पर डेयरी संचालक पर किया जानलेवा हमला, आरोपी को 4 साल की सजा

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नशे में धुत्त होकर आया था दूध लेने

गाली गलोच करते हुए किया चाकू से वार

डॉक्टर की रिपोर्ट के बाद हुई धाराओं में वृद्धि

हरमुद्दा
रतलाम 18 अगस्त। दूध के पैसे मांगने पर डेयरी संचालक पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी को न्यायाधीश ने 4 साल की सजा सुनाई। साथ ही अर्थ दंड से दंडित किया गया। प्रकरण में पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया गया कि आहत हरिओम पोरवाल जो की नया गांव मुख्य सड़क रतलाम पर हरिओम दूध डेयरी के नाम से डेयरी का संचालन करता है, वहां पर आरोपी सुमित पिता मनोहर लाल जाटव निवासी बरवड़ पैलेस होटल के पास रतलाम, दूध लेने के लिए आता रहता था, जिस कारण फरियादी हरिओम उसको पहचानता था।

शराब के नशे में आया दूध लेकर चला गया सुमित

6 जनवरी 2023 को रात्रि 9:30 पर आरोपी सुमित बुलेट मोटरसाइकिल लेकर शराब के नशे में दूध लेने आया। फरियादी के साथ गाली-गलोच करने लगा। फरियादी द्वारा दूध के रुपए मांगने पर आरोपी ने कहा कि वह उसे नहीं पहचानता है। फरियादी द्वारा रुपए देने के लिए कहा लेकिन आरोपी फरियादी से जबरदस्ती दूध लेकर वहां से चला गया।

फिर आया और गाली गलौज करते हुए सुमित में हरिओम के पेट में कर दिया चाकू से वार

थोड़ी देर बाद फिर से आरोपी बुलेट से आया तथा फरियादी हरिओम के साथ गाली-गलोच करते हुए उसे उसके पेट पर चाकू से वार किया। उसके पेट से खून निकलने लगा। घटना की रिपोर्ट फरियादी द्वारा पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र के सहायक उप निरीक्षक को की। जिसके आधार पर पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध धारा 294, 324, 327, 458, 506 भादवी में अपराध पंजीबद्ध किया।

डॉक्टर की रिपोर्ट पर हुई धाराओं में वृद्धि

अनुसंधान के दौरान डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरुद्ध धारा 307 तथा 329 के अपराध में वृद्धि करते हुए आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में अभियोजन द्वारा अपने साक्ष्य एवं दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।

दो धाराओं में सुनाई सजा

अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को सही मानते हुए आरोपी सुमित को धारा 307 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹2000 अर्थदंड तथा धारा 450 में 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थ दंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।

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